ठंड से कराह रहे बंदर की मदद को आया वन विभाग
ठंड के मौसम में रात में सुनसान सड़क पर अगर चोटिल कोई बेजुबान पशु पड़ा हो तो उसकी मदद को कोई तत्पर होता है तो यह उस जानवर के लिए दैवीय कृपा होगी.
घायल बंदर को देख एक व्यक्ति ने दी थी सूचना
संवाददाता, बैरकपुर
ठंड के मौसम में रात में सुनसान सड़क पर अगर चोटिल कोई बेजुबान पशु पड़ा हो तो उसकी मदद को कोई तत्पर होता है तो यह उस जानवर के लिए दैवीय कृपा होगी. ऐसा ही दृश्य उत्तर 24 परगना के बारासात-बैरकपुर लिंक रोड पर मातरंगी के पास रविवार रात देखा गया. जिसमें सड़क पर रात के समय दर्द से एक बंदर कराह रहा था और उसे बचानेवाला आस-पास कोई नहीं था. ठीक उस समय रास्ते से गुजर रहे एक व्यक्ति की नजर उसपर पड़ी. उसे कुछ नहीं सुझा, तो उसने हैम रेडियो को सूचना दी. हैम रेडियो की टीम पहंची और फिर वन विभाग को सूचित किया गया. वन विभाग की टीम वहां पहुंची. फिर उस बेसुध बंदर को उठाकर उसे अपने चिकित्सा केंद्र में पहुंचाया.
जानकारी के मुताबिक, स्थानीय एक युवक विधान रॉय ने हैम रेडियो को इसके बारे में जानकारी दी. इसके बाद हैम रेडियो के लोग वहां पहुंचे. पहले उस बंदर को गरम कपड़े में रखा गया. अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी बाइक से बंदर को चोट लगी थी. बंदर की कमर टूट गयी है. उसे गरम दूध दिया गया. लेकिन इसके बाद भी बंदर टस से मस नहीं हो रहा था. हैम रेडियो ने तुरंत जिला वन विभाग को जानकारी दी. तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया गया. रविवार को सार्वजनिक अवकाश के बावजूद सर्दी की रात की परवाह न करते हुए वन विभाग के तीन कर्मचारी एक पिंजरा गाड़ी के साथ पहुंचे. रात में ही इलाज के लिए बंदर को सॉल्टलेक में वन विभाग के चिकित्सा केंद्र में ले जाया गया.
हैम रेडियो, वेस्ट बंगाल रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने बताया कि उनकी तरफ से उस बेजुबान को बचाने के लिए पूरा प्रयास किया गया. वन विभाग के मुताबिक, बंदर के स्वस्थ होने के बाद उसे छोड़ दिया जायेगा.
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