4.36 करोड़ का सोना जब्त, सिविल इंजीनियर गिरफ्तार

ज्यादा पैसे कमाने की लालच एक सिविल इंजीनियर को महंगी पड़ गयी. तस्करों का मददगार होने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 20, 2024 12:53 AM

कम समय में ज्यादा पैसे कमाने की लालच में बन गया तस्करों का मददगार, बीएसएफ ने पकड़ कर डीआरआइ के हवाले किया

संवाददाता, कोलकाताज्यादा पैसे कमाने की लालच एक सिविल इंजीनियर को महंगी पड़ गयी. तस्करों का मददगार होने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), साउथ बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत पांचवीं बटालियन की ओर से उत्तर 24 परगना के भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे गांव अंचलपाड़ा में चलाये गये अभियान में आरोपी के ठिकाने से सोने के 50 बिस्कुट की बड़ी खेप मिली. इसकी कीमत करीब 4.36 करोड़ रुपये आंकी गयी है. सोने का वजन लगभग 5.9 किलोग्राम है. क्या है घटना : गत सोमवार को बीएसएफ की पांचवीं बटालियन को मुखबिरों से सोने की तस्करी की सूचना मिली. आशंका जतायी गयी कि उत्तर 24 परगना स्थित भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांव अंचलपाड़ा से बड़ी मात्रा में सोने की तस्करी हो सकती है. इस सूचना के आधार पर बीएसएफ के जवानों ने अंचलपाड़ा के एक मकान में अभियान चलाया. जवानों को देखते ही मकान के पिछले दरवाजे से एक युवक भागने लगा. उसे रुकने को कहने पर भी कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसे में बीएसएफ के एक जवान ने हवा में एक राउंड फायरिंग की, जिससे घबराकर आरोपी रुक गया और उसे पकड़ लिया गया. उसके घर की तलाशी लेने पर एक बैग में कपड़े की बेल्ट में लिपटे हुए सोने के 50 बिस्कुट मिले. इसके बाद जब्त सोना और आरोपी को सीमा चौकी तेंतुलबेड़िया लाया गया. क्या कहना है बीएसएफ के अधिकारी का : बीएसएफ, साउथ बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी व जनसंपर्क अधिकारी नीलोत्पल कुमार पांडेय ने जवानों की सतर्कता की सराहना करते हुए तस्करी से जुड़ी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए बल की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि तस्करी की घटनाओं पर अंकुश के लिए समय-समय पर बीएसएफ सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाती है. सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों से बीएसएफ की सीमा साथी हेल्पलाइन 14419 या वाट्सएप नंबर 9903472227 के माध्यम से सोने की तस्करी से संबंधित कोई भी जानकारी देने के लिए आग्रह किया जाता है, ताकि तस्करों को पकड़ा जा सके.

सोना छिपाने के लिए मिलते थे 500 से लेकर एक हजार रुपये

बीएसएफ ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह एक सिविल इंजीनियर है. कम समय में ज्यादा रुपये कमाने की लालच में वह तस्करों के गिरोह में शामिल हो गया. उसने बताया कि तस्करी का सोना एक से दो घंटे तक छिपाने के लिए उसे 500 से एक हजार रुपये मिलते थे. तस्कर गिरोह का एक सदस्य सोना उसे सौंप देता था और बाद में दूसरी जगह डिलीवरी के लिए गिरोह के दूसरे सदस्य उससे सोने की खेप ले लेते थे. सोमवार की सुबह करीब 7.30 बजे उसे तस्करी के सोने के 50 बिस्कुट मिले थे और इसे दूसरी जगह देने की बात कही गयी थी. हालांकि, उससे पहले ही बीएसएफ के अभियान में वह पकड़ लिया गया. आरोपी और जब्त सोना को डीआरआइ (कोलकाता) को सौंप दिया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version