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राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा-व्यवस्था का होगा ऑडिट

अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ने की उच्चस्तरीय बैठक, लिये गये कई अहम फैसले

अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ने की उच्चस्तरीय बैठक, लिये गये कई अहम फैसले

कोलकाता. राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों की सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा के लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में उच्चस्तरीय बैठक हुई. बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लिए आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है और इसके लिए राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. बैठक के दौरान सभी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को आधारभूत सुविधाओं का विकास कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सक व कर्मचारियों के लिए बॉयो-मेट्रिक एंट्री अनिवार्य करने का निर्देश दिया गया है और इसके लिए सभी अस्पतालों के प्रिंसिपल को जल्द से जल्द व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही अस्पताल में सेवारत निजी कंपनियों के सुरक्षा गार्ड, ठेका कर्मियों और निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों के लिए भी इसे लागू करने के लिए कहा गया है. गौरतलब है कि गुरुवार को नबान्न सभागार में हुई इस बैठक में मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव, डीजीपी, सभी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों के प्रिंसिपल, जिला अस्पताल के अधीक्षक, सभी जिलों के डीएम-एसपी, जिलों के स्वास्थ्य अधिकारी सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.

बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं, जिससे अस्पतालों में चिकित्सकाें के लिए विश्राम घर, पुरुष व महिला चिकित्सकों के लिए अलग-अलग शौचालय और सीसीटीवी कैमरे लगाये जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था का ऑडिट करने की योजना बनायी है और इसके लिए राज्य के पूर्व डीजीपी सुरजीत कर पुरकायस्थ को ऑडिट की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. उन्होंने बताया कि वह सभी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था का ऑडिट कर राज्य सरकार को रिपोर्ट पेश करेंगे, जिसके आधार पर सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए कदम उठाये जायेंगे.

राज्य सरकार की पहल पर ‘रात्तिरेर साथी’ नाम से ही एक विशेष मोबाइल एप भी लांच किया जायेगा.

जिसमें अलार्म होगा और यह स्थानीय पुलिस थाने से भी जुड़ा रहेगा. यह एप अस्पतालों में काम कर रही हर महिलाकर्मी को अनिवार्य रूप से डाउनलोड करना होगा. अगर कोई महिला कर्मचारी रात में काम के दौरान किसी मुसीबत में फंसती है, तो वह एप के माध्यम से तुरंत पुलिस तक अपनी बात पहुंचा सकेगी, शिकायत कर सकेगी.

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