कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह यहां ‘धर्मतला’ में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र और युवा शाखाओं को रैली निकालने की अनुमति देने के संबंध में अपना रुख स्पष्ट करे. ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआइ), ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (डीवाइएफआइ) और कनिष्ठ चिकित्सकों के एक संगठन ने क्षेत्र में उनके संबंधित कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने का पुलिस को निर्देश दिये जाने का अदालत से अनुरोध किया है. उन्होंने कोलकाता पुलिस आयुक्त द्वारा 25 सितंबर को जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी, जिसमें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत 60 दिन के लिए पांच या अधिक लोगों के गैरकानूनी रूप से एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया गया है. जब न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने पूछा कि क्या इस आदेश से आस-पास के क्षेत्र में दुर्गा पूजा के आयोजन पर कोई प्रभाव पड़ेगा, तो राज्य सरकार के वकील ने अदालत को आश्वासन दिया कि ऐसा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि निषेधाज्ञा केवल ‘धर्मतला’ में ‘केसी दास स्वीट्स’ और ‘विक्टोरिया हाउस’ के बीच लगभग 50 से 60 वर्ग मीटर के छोटे से क्षेत्र पर लागू होती है. राज्य ने स्पष्ट किया कि ये निषेधात्मक कदम नवंबर 2023 से प्रभावी हैं और हर छह महीने में इनका नवीनीकरण किया जाता है. न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह रैली के लिए अनुमति के संबंध में अपना रुख सोमवार तक स्पष्ट करे जब मामले में आगे सुनवाई होगी.
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