अध्यादेश जारी कर ‘एंटी रेप कानून’ बनाये सरकार: अभिषेक
केंद्र सरकार अध्यादेश जारी कर इस कानून को बनाये. भारत में दुष्कर्म के मामलों में सजा की दर केवल करीब 26 प्रतिशत है.
कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले के लेकर सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. आमतला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के उदासीन रवैये के कारण महिलाओं की सुरक्षा व दुष्कर्म के दोषियों के खिलाफ त्वरित सुनवाई और सजा सुनिश्चित को लेकर ‘एंटी रेप कानून’ नहीं बन पा रहा है. केंद्र सरकार अध्यादेश जारी कर इस कानून को बनाये. भारत में दुष्कर्म के मामलों में सजा की दर केवल करीब 26 प्रतिशत है. एक सख्त ”एंटी रेप कानून” की जरूरत है, जो 50 दिनों के भीतर मुकदमा और सजा सुनिश्चित करे. दुष्कर्म पर अंकुश के लिए सख्त कानून बनाने की है जरूर : अभिषेक बनर्जी ने कहा : एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना (आरजी कर मामला) से बंगाल को कलंकित किया गया है. मैंने पहले दिन से ही घटना की निंदा की है. शुरू से एक ही बात कह रहा हूं, जो लोग ऐसा करते हैं, उन्हें जीने का कोई अधिकार नहीं है. समाधान कानून है. दुष्कर्म पर अंकुश के लिए सख्त कानून बनाये जाने का जरूरत है. राज्य सरकार ने इसके लिए विधानसभा में ‘अपराजिता महिला व बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक’ पास किया है. यदि यह बिल पास हुआ है, तो सवाल है कि अभी तक इसे लेकर कानून क्यों नहीं बन पाया. केंद्र सरकार कोशिश करे, तो यह संभव हो सकता है. राज्य सरकार ने बिल राज्यपाल को भेज कर अपना कर्तव्य निभाया है. यह बिल दो महीने से राष्ट्रपति के पास लंबित है. ‘एंटी रेप कानून’ बना, तो 50 दिनों में सजा संभव हो पायेगी. न्याय के लिए इंतजार नहीं करना होगा.
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