राज्यपाल ने महिला सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने का किया आह्वान

राज्यपाल ने आगे कहा कि सजा चाहे कितनी भी कड़ी क्यों न हो, इससे समस्याएं खत्म नहीं होतीं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 21, 2025 12:54 AM

महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान कोलकाता. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सोमवार को कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में न्यायिक दंड महत्वपूर्ण है, लेकिन यह उनके खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं में योगदान देने वाले व्यापक सामाजिक मुद्दों को हल करने में सक्षम नहीं होगा. डॉ बोस का यह बयान आरजी कर अस्पताल में पिछले साल नौ अगस्त को एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में सियालदह की अदालत द्वारा मुख्य आरोपी को मृत्यु तक कारावास की सजा सुनाये जाने की पृष्ठभूमि में आया है. राज्यपाल ने आगे कहा कि सजा चाहे कितनी भी कड़ी क्यों न हो, इससे समस्याएं खत्म नहीं होतीं. दुष्कर्म, हमले और हत्या की बढ़ती घटनाएं चिंताजनक हैं और गहरी सामाजिक रुग्णता को दर्शाती हैं. डॉ बोस ने कहा कि यह जरूरी है कि सरकार इन अत्याचारों से निपटने के लिए एक मजबूत और सक्रिय नीति लागू करे और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे, खासकर चिकित्सा संस्थानों जैसे संवेदनशील वातावरण में. राज्यपाल ने महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया, विशेष रूप से कार्यस्थलों पर. उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के संबंध में व्यापक सामाजिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया. यहां जारी एक बयान के मुताबिक डॉ बोस ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सभी हितधारकों की एक बैठक बुलायी है तथा तत्काल उचित कार्रवाई के लिए सिफारिशों को सरकार के संज्ञान में लाया जायेगा. इसमें कहा गया है कि राजभवन का वास्तविक समय में निगरानी प्रकोष्ठ ‘शांति कक्ष’ महिलाओं पर अत्याचार के बारे में प्राप्त होने वाली अर्जियों की समवर्ती निगरानी करेगा और उचित कार्रवाई करेगा. आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए अभया प्लस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जायेगा. ‘शांति कक्ष’ जनता की शिकायतों का जवाब देने के लिए जून 2023 में राजभवन में स्थापित एक तंत्र है.

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