संवाददाता, कोलकाता
राजभवन ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस के कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर उनके द्वारा आधिकारिक आवास पर अपनी प्रतिमा का अनावरण करने संबंधी खबरों को सोमवार को खारिज कर दिया. राजभवन ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. इसने मीडिया में जारी उन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया कि राजभवन परिसर में प्रतिमा स्थापित की गयी है. उन्होंने दावा किया कि यह प्रतिमा बोस को एक मूर्तिकार ने भेंट की थी. एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल ने राजभवन में अपनी किसी प्रतिमा का अनावरण नहीं किया और न ही राजभवन परिसर में कहीं भी उनकी प्रतिमा स्थापित की गयी है. यह पूरी तरह से गलत सूचना है. राज्यपाल को प्रतिमा भेंट की गयी थी. उन्होंने कहा : कई कलाकार अपनी कलाकृतियां राज्यपाल को देते हैं. चित्रकारों ने उनके चित्र बनाये और उन्हें भेंट किया. इसी तरह एक मूर्तिकार ने बोस की प्रतिमा बनाकर उन्हें भेंट की थी. अधिकारी ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि इसे यह कहा गया कि राज्यपाल ने अपनी ही प्रतिमा का अनावरण किया. उन्होंने बताया कि राजभवन के बाहर के लोगों ने राज्यपाल को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची होगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है