कोलकाता. सी बॉन्डिंग प्रोग्राम के तहत जी3 पहल के एक भाग के रूप में राज्यपाल ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का दौरा किया. राज्यपाल ने राष्ट्रीय स्मारक सेलुलर जेल का भी दौरा किया और शहीद स्तंभ पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद जेल की कोठरियों को देखा, जहां कभी हमारे बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया था. राज्यपाल ने वीर सावरकर के कक्ष में श्रद्धा सुमन अर्पित किये. स्मारक की आगंतुक पुस्तिका में राज्यपाल ने लिखा, ‘शौर्य और दृढ़ संकल्प का मिलन स्थल. यहां अनगिनत तूफानों का सामना करने वाले इन वीर योद्धाओं ने हमें मुक्ति की हवा में सांस लेना सिखाया. यहां अत्याचार के खिलाफ प्रतिरोध और उन नायकों की अदम्य इच्छाशक्ति सामने आती है, जिन्होंने निर्दयी कब्जाधारियों की क्रूरता का सामना किया. यहां वीर सावरकर की स्मृति, पीढ़ी-दर-पीढ़ी को वीरता के पथ पर चलने की नहीं, खड़े रहने की नहीं बल्कि कुछ करने की प्रेरणा देती है. यहां हम अतीत की गोद में भविष्य देखते हैं. सेल्युलर जेल पूरी दुनिया के सामने यह घोषणा करती है कि भारत के देशभक्तों के लिए,‘पत्थर की दीवारें कभी जेल नहीं हो सकतीं, लोहे की जंजीरें कभी पिंजरे नहीं हो सकतीं.’ राज्यपाल की यह यात्रा राष्ट्रीय विरासत के प्रति उनके सम्मान और राष्ट्र के लिए प्रेरणा का प्रतीक होगी.
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