एमएसएमइ के लिए ग्रीन ट्रांजिशन प्रोग्राम बना रहा केंद्र : नीति आयोग

देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमइ) के लिए केंद्र सरकार ग्रीन ट्रांजिशन प्रोग्राम बनाने की योजना बना रही है, जिसके माध्यम से इन कंपनियों को किफायती कीमत पर ग्रीन एनर्जी प्रदान की जा सके. एमएसएमइ के लिए व्यवहार्य कार्यक्रम बनाने के लिए सभी हितधारकों, जैसे अंतर-मंत्रालयी, निजी क्षेत्र, नियामक निकाय आदि मिल कर काम कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 28, 2024 10:55 PM
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कोलकाता.

देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमइ) के लिए केंद्र सरकार ग्रीन ट्रांजिशन प्रोग्राम बनाने की योजना बना रही है, जिसके माध्यम से इन कंपनियों को किफायती कीमत पर ग्रीन एनर्जी प्रदान की जा सके. एमएसएमइ के लिए व्यवहार्य कार्यक्रम बनाने के लिए सभी हितधारकों, जैसे अंतर-मंत्रालयी, निजी क्षेत्र, नियामक निकाय आदि मिल कर काम कर रहे हैं. ये बातें शनिवार को भारत सरकार के अधीनस्थ नीति आयोग के क्लाइमेट स्ट्रैटेजी एंड पॉलिसी सेक्टर के सीनियर रेजिडेंट फेला अमन हंस ने सीआइआइ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहीं. उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी की टैरिफ ब्राउन एनर्जी टैरिफ दर से अधिक है. इस वजह से एमएसएमइ कंपनियाें को ग्रीन एनर्जी प्राप्त करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग का उद्देश्य सबसे व्यवहार्य और लागत प्रभावी तरीके से ग्रीन एनर्जी के टैरिफ को ब्राउन एनर्जी के बराबर लाना है. इसके लिए केंद्र, राज्य सरकार, डिस्कॉम व नियामकों द्वारा समन्वित दृष्टिकोण की आवश्यकता है.

इस मौके पर सीइएससी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (उत्पादन) ब्रजेश सिंह, लिंडे इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अभिजीत बनर्जी, टाटा पावर के कंट्री हेड कौशिक सान्याल व शैल की वित्त प्रमुख आशा पिल्लई ने भी ग्रीन एनर्जी पर अपने विचार रखे. इस अवसर पर सीआइआइ पूर्वी क्षेत्र के इएसजी और पॉलिसी एडवोकेसी उपसमिति के अध्यक्ष व टाटा स्टील लिमिटेड के उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट सेवाएं) चाणक्य चौधरी ने इएसजी के सिद्धांतों और नेट जीरो हासिल करने के परिप्रेक्ष्य पर जोर दिया.

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