19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हुगली में मिली गुप्त काल की विष्णु मूर्ति

मूर्ति के करीब एक हजार वर्ष पुरानी होने की संभावना

मूर्ति के करीब एक हजार वर्ष पुरानी होने की संभावना – स्कूल की दो छात्राओं ने सबसे पहले देखा मूर्ति को हुगली. बैंडेल स्थित विक्रमनगर हरनाथ नीरदा सुदंरी घोष उच्च विद्यालय में गुप्त युगीन विष्णु मूर्ति मिली है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने बताया कि बलुआ पत्थर से बनी यह विष्णु मूर्ति बहुमूल्य और ऐतिहासिक महत्व की है. बीते 17 जनवरी को स्कूल परिसर में साइकिल स्टैंड बनाने के लिए खुदाई हो रही थी. खुदाई से निकली मिट्टी को एक कोने में इकट्ठा किया गया था. कक्षा नौ की दो छात्राएं, ज्योति मंडल और मोहिनी सरकार, खेलते समय वहां मूर्ति देखकर चकित हो गयीं. उन्होंने इसे भूगोल की शिक्षिका संगमित्रा पालित और अंग्रेजी शिक्षिका करुणा चट्टोपाध्याय को दिखाया. शिक्षिकाओं ने तुरंत समझ लिया कि यह ऐतिहासिक महत्व की वस्तु हो सकती है. स्कूल के प्रधानाचार्य सैकत दास ने कहा कि उनके स्कूल में एक ऐतिहासिक अवशेष मिला है, जो गर्व की बात है. इतिहास शिक्षक विश्वरूप दे, जो पुरातत्व पर शोध करते हैं, उन्होंने गूगल पर खोजबीन कर अनुमान लगाया कि यह मूर्ति गुप्त काल की हो सकती है. इसके बाद स्कूल प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से संपर्क किया और मूर्ति की तस्वीरें भेजीं. विशेषज्ञों ने इसे ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण बताया और इसे सुरक्षित रखने का निर्देश दिया. स्कूल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से मूर्ति को स्कूल में न रखने का फैसला लिया, क्योंकि इससे पहले भी ऐसी मूर्तियों की चोरी हो चुकी है. इसे अस्थायी रूप से एक सुरक्षित वॉल्ट में रखा गया. बुधवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, कोलकाता सर्कल के सहायक अधीक्षक पुरातत्वविद् डॉ. संजय पांडा और प्रदीप कर स्कूल पहुंचे. उन्होंने मूर्ति की बारीकी से जांच की और खुदाई की जगह का निरीक्षण किया. डॉ. पांडा ने कहा कि यह मूर्ति लगभग एक हजार वर्ष पुरानी हो सकती है. यह एक खड़ी विष्णु प्रतिमा है. कभी गंगा की धारा इस क्षेत्र से होकर बहती थी. 24 परगना में भी इस तरह की कई मूर्तियां मिली हैं. वे इसे अनुसंधान के लिए ले जायेंगे, फिर समय-काल का सटीक निर्धारण होगा. स्कूल परिसर से इस ऐतिहासिक अवशेष के मिलने से छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन में उत्साह है. यह खोज क्षेत्र के इतिहास को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें