हैम रेडियो संचालकों ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर संदिग्ध सिग्नल का पता लगाया

हैम रेडियो संचालकों ने पिछले दो महीने में दक्षिण बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बांग्ला, उर्दू और अरबी भाषाओं में संदिग्ध सिग्नल का पता लगाया है

By Prabhat Khabar News Desk | February 10, 2025 12:40 AM

एजेंसियां, कोलकाता

हैम रेडियो संचालकों ने पिछले दो महीने में दक्षिण बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बांग्ला, उर्दू और अरबी भाषाओं में संदिग्ध सिग्नल का पता लगाया है, जिससे संभावित चरमपंथी गतिविधियों को लेकर चिंता बढ़ गयी है. हैम या शौकिया रेडियो संचालकों को केंद्रीय संचार मंत्रालय के तहत लाइसेंस प्राप्त होता है और उन्हें विशिष्ट रेडियो फ्रीक्वेंसी का उपयोग करके संचार करने का अधिकार होता है. यह घटनाक्रम बांग्लादेश में जारी अशांति और भारत विरोधी बयानबाजी के बढ़ने के बीच हुआ है.

पहली बार गत दिसंबर में हैम रेडियो संचालकों ने उत्तर 24 परगना के बशीरहाट और बनगांव के साथ-साथ दक्षिण 24 परगना के सुंदरबन में बांग्ला, अरबी और उर्दू में अनधिकृत संचार के बारे में पता लगाया था. इन संचार से चिंतित संचालकों ने संचार मंत्रालय को सूचित किया. बाद में मामले को निगरानी के लिए कोलकाता में स्थित अंतरराष्ट्रीय निगरानी स्टेशन (रेडियो) को भेज दिया गया. पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने कहा : ये संदिग्ध रेडियो सिग्नल रात एक बजे से तीन बजे के बीच पकड़े गये हैं. ये बांग्लादेशी उच्चारण के साथ बांग्ला, उर्दू और अरबी भाषा में हैं. कभी-कभी, सिग्नल किसी दूसरी भाषा में भी होते हैं, जिन्हें हम पहचान नहीं पाते. जब भी हमने बात करने वालों से उनकी पहचान पूछी, तो वे चुप हो गये. विश्वास के अनुसार, इस तरह का पहला सिग्नल दिसंबर के मध्य में उत्तर 24 परगना जिले के सोदपुर में एक हैम रेडियो ऑपरेटर ने पकड़ा था. उन्होंने कहा : शुरू में हमने इसे ज्यादा महत्व नहीं दिया, लेकिन फिर बशीरहाट, बनगांव और बाद में दक्षिण 24 परगना जिले से भी इसी तरह के सिग्नल मिले. यहां तक कि जनवरी के मध्य में गंगासागर मेले के दौरान भी कई हैम रेडियो उपयोगकर्ताओं ने इन संदिग्ध संकेतों को सुनने की बात कही.

भारत और बांग्लादेश के बीच करीब 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें से 2,217 किलोमीटर पश्चिम बंगाल के साथ लगती है. इसका अधिकतर हिस्सा खुला है यानी बाड़ नहीं लगा है. पिछले साल अगस्त में ढाका में शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद बढ़े तनाव के बीच सीमा सुरक्षा का मुद्दा प्रमुखता से उभरा है. पांच अगस्त को हसीना के भारत आने के बाद से दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं. हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया. भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version