बंगाल में 600 चावल मिलों के एक बार फिर से खुलने की जगी उम्मीद

पश्चिम बंगाल के चावल उद्योग ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया है. बंगाल राइस मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार के इस कदम से राज्य में 500-600 चावल मिलों को फिर से खोलने में मदद मिलने की उम्मीद है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 28, 2024 10:51 PM

कोलकाता.

पश्चिम बंगाल के चावल उद्योग ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया है. बंगाल राइस मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार के इस कदम से राज्य में 500-600 चावल मिलों को फिर से खोलने में मदद मिलने की उम्मीद है. ये मिलें निर्यात प्रतिबंधों के बाद मांग में कमी के कारण पिछले एक साल से बंद हैं. उन्होंने कहा कि निर्यात पर प्रतिबंध हटने से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेहतर कीमत मिल सकेगी. श्री चौधरी ने कहा कि निर्यात प्रतिबंध हटने से न केवल चावल मिलों में कामकाज बढ़ेगा, बल्कि किसानों की औसत आय में भी सुधार होगा. कमजोर निर्यात मांग और बढ़ते घाटे के कारण पश्चिम बंगाल में 1,400-1,500 मिलों में से 500-600 बंद हो गयी थीं. प्रत्येक मिल में औसतन प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से लगभग 500 लोगों को रोजगार मिलता है.

केंद्र सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध हटा दिया. इस पर 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया गया है. घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए 20 जुलाई 2023 से गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर पाबंदी लगी हुई थी.

इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष देव गर्ग ने कहा कि चावल की अच्छी फसल की उम्मीद के साथ अधिशेष भंडार 31 मार्च 2025 तक 275 लाख टन बढ़ने की संभावना है. उन्होंने कहा कि निर्यात न खोलने से सरकार के लिए अधिशेष चावल का प्रबंधन करना बहुत मुश्किल हो सकता था. इसका कारण हमारे पास अतिरिक्त चावल के लिए पर्याप्त भंडारण नहीं है और दूसरा ले जाने की लागत. राइसविला फूड्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीइओ) सूरज अग्रवाल ने कहा कि इस रणनीतिक कदम से न केवल निर्यातकों की आय बढ़ेगी, बल्कि किसान भी सशक्त होंगे, जो नयी खरीफ फसल के आगमन के साथ अधिक रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं.

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