आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं : हाइकोर्ट
कलकत्ता हाइकोर्ट ने एक महिला द्वारा परिचित व्यक्ति के खिलाफ दर्ज किये गये कथित दुष्कर्म का मामला खारिज कर दिया, क्योंकि वह लंबे समय से आरोपी के साथ संबंध में थी.
उच्च न्यायालय ने एक महिला द्वारा दर्ज किये गये मामले को किया खारिज
संवाददाता, कोलकाताकलकत्ता हाइकोर्ट ने एक महिला द्वारा परिचित व्यक्ति के खिलाफ दर्ज किये गये कथित दुष्कर्म का मामला खारिज कर दिया, क्योंकि वह लंबे समय से आरोपी के साथ संबंध में थी. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश शम्पा (दत्त) पॉल ने पाया कि शिकायतकर्ता ने 2013 में आरोपी के साथ शारीरिक संबंध बनाये और 2018 तक इसे जारी रखा. फिर उसने 2020 में उक्त व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करायी.अदालत ने कहा कि केस डायरी में उक्त सामग्रियों से इस अदालत को पता चलता है कि वास्तविक शिकायतकर्ता को पता था कि याचिकाकर्ता की शादी में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन फिर भी उसने घटना के समय लगभग 25 वर्ष की आयु में बालिग होने के बावजूद संबंध जारी रखा. यह रिश्ता वर्ष 2013 में शुरू हुआ था और 2020 में शिकायत दर्ज की गयी. इस मामले में वर्ष 2013 में उनके रिश्ते की शुरुआत में शादी के किसी भी वादे के बारे में चार्जशीट में कोई आरोप नहीं है. उनका यह रिश्ता 2018 तक जारी रहा और इस बीच जबरन यौन संबंध बनाने का कोई आरोप नहीं है. इस मामले में शादी का कथित आश्वासन भी शारीरिक संबंध बनाने का एकमात्र कारण नहीं था. चूंकि दोनों पक्षों के बीच संबंध प्रथम दृष्टया सहमति से प्रतीत होता है, इसलिए आराेपित के खिलाफ दुष्कर्म का मामला साबित नहीं होता है. तदनुसार शिकायत में कोई योग्यता नहीं पाते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता के खिलाफ मामला रद्द कर दिया.
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