महानगर की सड़कों पर रैली व प्रदर्शन के कारण हॉकरों का रोजगार प्रभावित
आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के विरोध में एक महीने से ज्यादा समय से महानगर की सड़कों पर प्रदर्शन जारी है.
आरजी कर कांड का असर
संवाददाता, कोलकाताआरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के विरोध में एक महीने से ज्यादा समय से महानगर की सड़कों पर प्रदर्शन जारी है. जूनियर डॉक्टरों के साथ-साथ नागरिक समाज और राजनीतिक दल भी शहर की सड़कों पर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. भले ही यह आंदोलन न्याय की मांग कर रहा है, लेकिन फुटपाथ पर बैठने वाले हॉकरों को काफी नुकसान हो रहा है. विरोध प्रदर्शन व रैलियों के कारण लोग घरों से निकल रहे हैं. बिक्री अच्छी नहीं हो रही है. इसलिए अब हॉकरों को हो रहे घाटे के विरोध में वे सड़कों पर उतरने की योजना बना रहे हैं. सोमवार को वे महानगर की सड़कों पर उतर कर विरोध जता सकते हैं. हॉकर्स न्याय और आजीविका की सुरक्षा की मांग को लेकर एक जवाबी रैली आयोजित करने की योजना बना रहे हैं. जानकारी के अनुसार गरियाहाट, बेहला के हॉकरों संगठनों द्वारा अगले सप्ताह की शुरुआत में एक रैली निकाल सकते हैं. इसमें हातिबागान और न्यूमार्केट के हॉकर्स शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि तृणमूल समर्थित हॉकर संगठनों द्वारा यग योजना बनायी गयी है. गरियाहाट में एक हॉकर संघ के एक नेता ने कहा कि पुलिस और राज्य प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए सड़कों पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा से पहले कारोबार में मंदी के कारण ज्यादातर फेरीवालों को नुकसान हो रहा है. आरजी कर की घटना को लेकर सड़कों पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों की वजह से हमारे कारोबार को काफी नुकसान हो रहा है. हालांकि, हॉकरों का कहना है कि आरजी कर की घटना को लेकर उन्हें भी दुख है. वे भी न्याय चाहते हैं. लेकिन विरोध प्रदर्शन के कारण उनकी आजीविका खतरे में है. पूजा से पहले इस साल पहले के मुकाबले कम बिक्री हो रही है. टाउन वेंडिंग कमेटी के एक सदस्य ने कहा कि हॉकरों ने सोमवार को एक रैली की योजना बनायी है. पश्चिम बंगाल हॉकर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष असित साहा ने कहा, ””””””””पूजा सीजन के दौरान स्थिति को हल करने की जरूरत है.””””मुर्शिदाबाद के शिक्षक ने लौटाया शिक्षा रत्न सम्मान
कोलकाता. आरजी कर की घटना के विरोध में राज्य सरकार द्वारा दिया गया शिक्षा रत्न सम्मान एक शिक्षक ने लौटा दिया. मुर्शिदाबाद के हरिहरपाड़ा हाजी अलमबक्श सीनियर मदरसा के पूर्व प्रभारी प्रधान शिक्षक गुलाम मुस्तफा सरकार ने बताया कि वर्ष 2016 में उन्हें यह सम्मान मिला था. उन्हें पुरस्कार स्वरूप 25 हजार रुपये भी मिले थे, वह दोनों ही लौटा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस घटना में सरकार की भूमिका से वह खुश नहीं हैं. सरकार चाहती, तो और कुछ कर सकती थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है