डॉक्टरों से जुड़ी सभी जानकारी जुटाने की हो रही कोशिश
संवाददाता, कोलकाता
आरजी कर कांड को लेकर चिकित्सक व राज्य प्रशासन में ठनी हुई है. इसी बीच स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक नये निर्देश से सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़े चिकित्सकों की परेशानी बढ़ सकती है. स्वास्थ्य विभाग ने रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर (आरएमओ), सीनियर रेजिडेंट (एसआर) डॉक्टरों से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी जुटा रहा है.
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेजों व अस्पताल प्रबंधन से उनके यहां कार्यरत आरएमओ व सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों के पैन कार्ड, रजिस्ट्रेशन नंबर, फोन नंबर, डिग्री आदि से संबंधित जानकारी मांगी गयी है. इस नये निर्देश को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया है कि यह उक्त चिकित्सकों के रिकॉर्ड को रखने के उद्देश्य से ही किया जा रहा है. इस निर्देश की कॉपी सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल व अधीक्षकों को भेज दी गयी है.
साथ ही पूछा गया है कि उनके अस्पतालों में आरएमओ और सीनियर रेजिडेंट के पद पर कितने चिकित्सक कार्यरत हैं, क्योंकि आरएमओ और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर नॉन-प्रैक्टिसिंग पद हैं. यानी इस पद पर रहते हुए ऐसे चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर सकते, इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस नये निर्देश को जारी किया गया है. वहीं, इस आदेश की कॉपी स्वास्थ्य साथी सेल को भी भेज दी गयी है.
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि यह एक नियमित प्रक्रिया है. यह जानकारी रिकॉर्ड रखने के लिए मांगी गयी है. इससे डरने या घबराने की बात नहीं है, लेकिन, फिर भी आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों पर आशंका के बादल मंडरा रहे हैं. उनके मुताबिक ऐसे में इस तरह का आदेश उन्हें चिंतित करता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है