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पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को स्वास्थ्य विभाग करे बर्खास्त : डॉ बिप्लब मित्रा

मेडिकल सर्विस सेंटर के राज्य सचिव डॉ बिप्लब मित्रा ने संदीप घोष को स्वास्थ्य विभाग से बर्खास्त करने की मांग की है.

कई आरोप लगने के बावजूद घोष को नहीं हटाये जाने पर जतायी हैरानी

हाइकोर्ट के आदेश के बाद 15 दिनों की छुट्टी पर हैं पूर्व प्रिंसिपल

संवाददाता, कोलकाता

आरजी कर कांड के बाद से ही पूर्व प्रिंसिपल प्रो डॉ संदीप घोष की परेशानी बढ़ती जा रही है. घोष पर लगे आरोपों की जांच का जिम्मा अब केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ को सौंप दिया गया है. इस बीच, चिकित्सकों के संगठन मेडिकल सर्विस सेंटर के राज्य सचिव डॉ बिप्लब मित्रा ने संदीप घोष को स्वास्थ्य विभाग से बर्खास्त करने की मांग की है.

इस संबंध में डॉ मित्रा ने बताया कि संदीप घोष पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं. मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गयी है. डॉ मित्रा ने बताया कि आरजी कर कांड को लेकर पिछले 15 दिनों से जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. इस स्थिति से निबटने और हड़ताली छात्रों को मनाने के लिए शनिवार को स्वास्थ्य सचिव ने कोलकाता के सीनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की थी.

इस बैठक में डॉ बिप्लब मित्रा ने स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम से डॉ संदीप घोष को तुरंत सरकारी नौकरी से बर्खास्त करने का सुझाव दिया. पर श्री निगम ने इस मांग की चुप्पी साध ली. सीधे कुछ भी करने से इनकार किया. डॉ मित्रा ने कहा कि डॉ संदीप घोष पर इतने आरोप लग चुके हैं. फिर भी राज्य सरकार उन्हें बर्खास्त क्यों नहीं कर रही है? यह सोचनेवाली बात है.

गौरतलब है कि आरजी कर की घटना के बाद संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं, इस्तीफा सौंपे जाने के चार घंटे के भीतर ही उन्हें कोलकाता नेशनल मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल के पद पर तबादला कर दिया गया था. पर कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश पर संदीप घोष छुट्टी लेने को मजबूर हुए थे. वह 13 अगस्त से 15 दिनों की छुट्टी पर हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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