डेथ सर्टिफिकेट को लेकर स्वास्थ्य विभाग का नया नियम

मौत का कारण जेएमटी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य

By Prabhat Khabar News Desk | November 14, 2024 12:34 AM

मौत का कारण जेएमटी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य मुर्शिदाबाद में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हुई शुरुआत कोलकाता. राज्य में अब से कोई भी सरकारी या निजी डॉक्टर अगर किसी का डेथ सर्टिफिकेट जारी करता है, तो मृत्यु का कारण अब पोर्टल पर अपलोड करना होगा. राज्य का स्वास्थ्य विभाग अब नया नियम लागू करने जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इसे मुर्शिदाबाद में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया जा रहा है. धीरे-धीरे यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू की जायेगी. स्वास्थ्य भवन की अधिसूचना के अनुसार, अब से जेएमटी पोर्टल पर मृत्यु का आंकड़ा दर्ज करते समय मौत का कारण भी अनिवार्य रूप से बताना होगा. कोई भी सरकारी या निजी डॉक्टर, मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर सकता है, लेकिन वहां लिखे मौत के कारण का उल्लेख सरकारी पोर्टल पर करना अनिवार्य है. 2019 में, राज्य सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों में एमसीसीडी पोर्टल लॉन्च किया, जहां मौत का कारण दर्ज किया जाना है. अब एमसीसीडीपोर्टल को जेएमटी पोर्टल से जोड़ा जा रहा है. इससे मौत से जुड़ी सारी जानकारी सीधे स्वास्थ्य विभाग की जानकारी में होगी. पिछले तीन साल के आंकड़ों पर गौर करें, तो पता चलता है कि मृत्यु दर को लेकर बताये गये आंकड़े बिल्कुल भी संतोषजनक नहीं है. 2021 में जितनी मौतों की जानकारी सरकारी पोर्टल पर दर्ज की गयी, केवल 23.7 फीसदी मामलों में ही मौत का कारण पोर्टल में बताया गया है. जबकि 2022 में यह दर और भी कम है. इस वर्ष मात्र 17.2 फीसदी मामलाें में मृत्यु के कारण का उल्लेख किया है. वहीं, 2023 में 20.4 प्रतिशत के मौत का कारण बताया गया. मुर्शिदाबाद में इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत भी बहुत महत्वपूर्ण है. जिला शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप से काफी पिछड़ा हुआ है. अगर यह प्रोजेक्ट ऐसे जिले में सफल होता है, तो इसे राज्य के अन्य जिलों में भी आसानी से लागू किया जा सकता है.

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