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कोरोना के कहर से कराह रही स्वास्थ्य व्यवस्था, गंभीर रोगों से पीड़ितों का नहीं हो पा रहा इलाज

चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस आज पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले चुका है. भारत में भी कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है. इसे रोकने के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है, जिसकी समयसीमा मंगलवार को खत्म होने वाली है. पश्चिम बंगाल में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है. डॉक्टर, नर्स समेत सात स्वास्थ्यकर्मी भी संक्रमित हुए हैं. कोरोना का असर सरकारी व निजी अस्पतालों पर भी दिख रहा है. हादसे के शिकार और गंभीर रूप से बीमार रोगियों के इलाज के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों के इमरजेंसी विभाग को खुला रखा गया है. महानगर के सरकारी अस्पतालों में आउटडोर भी खुले हुए हैं, लेकिन सिर्फ नाम के.

कई सरकारी व निजी अस्पतालों के ओपीडी बंद, 300 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी क्वारेंटाइन में

शिव कुमार राउत, कोलकाता

चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस आज पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले चुका है. भारत में भी कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है. इसे रोकने के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है, जिसकी समयसीमा मंगलवार को खत्म होने वाली है. पश्चिम बंगाल में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है. डॉक्टर, नर्स समेत सात स्वास्थ्यकर्मी भी संक्रमित हुए हैं. कोरोना का असर सरकारी व निजी अस्पतालों पर भी दिख रहा है. हादसे के शिकार और गंभीर रूप से बीमार रोगियों के इलाज के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों के इमरजेंसी विभाग को खुला रखा गया है. महानगर के सरकारी अस्पतालों में आउटडोर भी खुले हुए हैं, लेकिन सिर्फ नाम के.

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लॉकडाउन के कारण साधन नहीं मिलने से मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं. छोटे-छोटे क्लीनिक और नर्सिंग होम लगभग बंद हो गये हैं. ऐसी स्थिति में मरीज कहां चिकित्सा कराए. वहीं, डॉक्टर, नर्स समेत स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने से हेल्थ वर्कर भी भयभीत हैं. इस कारण महानगर के सरकारी व निजी अस्पतालों की हालत बिगड़ती जा रही है.

नियमानुसार किसी स्वास्थ्यकर्मी के संक्रमित होने के बाद उसके संपर्क में आये अन्य सहकर्मियों को भी क्वारेंटाइन कर दिया जाता है. कोलकाता के चार अस्पतालों के 300 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है. कोरोना ने राज्य के पूरे हेल्थ सिस्टम को अपंग बना दिया है.

सर्दी-खांसी के मरीज को डॉक्टर्स बोल रहे- ना बाबा ना

सबसे ज्यादा परेशानी सामान्य वायरल फीवर के मरीजों को हो रही है. सर्दी-खांसी और बुखार के मरीजों को देखते ही कुछ निजी अस्पताल हाथ खड़े कर दे रहे हैं. अस्पताल ऐसे किसी भी मरीज की जांच करने से परहेज कर रहे हैं. हालांकि कुछ बड़े निजी अस्पतालों में जरूर ऐसे मरीजों का इलाज किया जा रहा है. हालांकि ऐसे मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में फीवर क्लीनिक खोले गये हैं.

10 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित

कोरोना वायरस कोलकाता, हावड़ा व उत्तर बंगाल में तेजी से फैल रहा है. इन तीनों जगहों पर अब तक सात चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हो चुके हैं. जानकारी के अनुसार, कोलकाता स्थित कमांड हॉस्पिटल के एनेथिसिया विभागाध्यक्ष, शरद बोस रोड स्थित एक निजी हॉस्पिटल के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर एवं नागरेबाजार के एक निजी अस्पताल के एक डॉक्टर व नर्स संक्रमित हो चुके हैं. हावड़ा जिला अस्पताल के अधीक्षक व इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर एवं नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज की एक नर्स संक्रमित हो चुकी है. न्यूटाउन चिनार पार्क स्थित एक निजी अस्पताल के तीन चिकित्सक संक्रमित हुए है. ज्ञात हो कि संक्रमित रोगियों के संपर्क में आने से ये सभी स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हुए हैं.

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सरकारी अस्पतालों के 169 व निजी अस्पताल के 108 स्वास्थ्यकर्मी क्वारेंटाइन

कोरोना वायरस के कारण सबसे खराब हालत कोलकाता के सरकारी अस्पतालों की है. महानगर के तीन बड़े मेडिकल कॉलेजों के करीब 169 डॉक्टरों को 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन कर दिया गया है. इनमें एनआरएस मेडिकल कॉलेज, आरजीकर व कलकत्ता मेडिकल कॉलेज शामिल हैं. एनआरएस मेडिकल कॉलेज में एक रोगी को मेडिसिन वार्ड में भर्ती किया गया था. बाद में इस रोगी में कोरोना वायरस के लक्षण देखे गये थे, जांच में यह व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया था.

इससे पहले ही उस व्यक्ति की मौत हो चुकी थी. इस घटना के बाद हॉस्पिटल के 79 स्वास्थ्यकर्मियों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है. इसी तरह आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दो मरीज की मौत हुई हैं. एक को मेडिसिन व दूसरे को कॉर्डियोलॉजी विभाग में भर्ती किया गया था. लेकिन पिपोर्ट आने से पहले ही दोनों की मौत हो चुकी थी. दोनों कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे. अस्पताल के चिकित्सक,नर्स सहित 40 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को क्वारेंटाइन किया गया है. वहीं सोमवार मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर, नर्स सहित 50 हेल्थ वर्कर को क्वारेंटाइन किया गया है. इसी तरह पार्क सर्कस स्थित एक नर्सिंग होम के आठ एवं चिनार पार्क के एक निजी अस्पताल के 100 से अधिक चिकित्सकों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है.

सर्विस डॉक्टर फोरम के महासचिव डॉ सजल विश्वास का कहना है कि चिकित्सकों का संक्रमित होना चिंता का विषय है. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को फैलने से रोकने के लिए सरकार को और सक्रिय होकर कार्य करना होगा. अधिक से अधिक लोगों की जांच हो. साथ ही सामान्य सर्दी-खांसी को लेकर अस्पताल पहुंचने वाले रोगियों को आइसोलेट कर रखा जाये और उनकी जांच हो. साथ ही चिकित्सकों को अच्छे गुणवत्ता वाले पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीइ) किट मुहैया करायी जाए.

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