सार्वजनिक स्थल को गंदा करने पर लग सकता है भारी जुर्माना

कोलकाता सहित राज्य के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों पर गुटखा खाकर थूक फेंकने वालों और सड़क किनारे गंदगी फैलाने वालों पर भारी जुर्माना लगाने की तैयारी हो रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 5, 2025 6:51 AM

मुख्यमंत्री ने 24 वर्ष पुराने कानून में संशोधन करने का दिया संकेत

संवाददाता, कोलकाताकोलकाता सहित राज्य के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों पर गुटखा खाकर थूक फेंकने वालों और सड़क किनारे गंदगी फैलाने वालों पर भारी जुर्माना लगाने की तैयारी हो रही है. राज्य में यह बड़ी समस्या है. राज्य सरकार अब इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए 24 वर्ष पुराने कानून में संशोधन कर सख्त प्रावधान तथा भारी जुर्माना लगाने पर विचार कर रही है. मुख्यमंत्री ने अपनाया सख्त रुख: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, पान-गुटखा खाकर थूक फेंकने, खुले में पेशाब करने तथा महानगर की सड़कों और सार्वजनिक स्थलों को गंदा करने की प्रवृत्ति के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया. राज्य में फुटपाथ पर थूकने या पानी की बोतलें फेंकने के खिलाफ करीब 24 वर्ष पुराना कानून है. लेकिन इस कानून के तहत जुर्माना या सजा काफी कम है. मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा कानून इन घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है. नियम सख्त किये जाने चाहिए. जुर्माना बढ़ाया जाना चाहिए, तभी यह तस्वीर बदल सकती है. कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस बात की समीक्षा आवश्यक है कि क्या इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए कड़े कानून लाये जा सकते हैं और क्या जुर्माने की राशि बढ़ाना संभव है. इसके साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव को इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिये. सुश्री बनर्जी चाहती हैं कि इस बार इस कानून को और सख्त बनाया जाये और इसके क्रियान्वयन में कोई ढिलाई न बरती जाये, ताकि दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जा सके. उन्होंने शहर के पर्यावरण और सौंदर्य की रक्षा के लिए सख्त कार्रवाई का संदेश दिया. गौरतलब है कि हाल ही में मुंबई, पुणे और तेलंगाना ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है. जुर्माना लगाया भी जा रहा है. अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उसी राह पर चलने जा रही हैं. मंगलवार को कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने 2001 के अधिनियम में संशोधन कर इसे और सख्त बनाने का निर्देश दिया. उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. गौरतलब है कि 1980 के नगरपालिका अधिनियम की धारा 338 में पान या गुटखा खाकर थूकने आदि पर जुर्माने का प्रावधान है. दोषियों पर अलग-अलग समय पर और अलग-अलग स्थानों पर जुर्माना भी लगाया गया. हालांकि, अब राज्य सरकार पुराने अधिनियम को ही और सख्त बनाते हुए संशोधन विधेयक लाने जा रही है. जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल विधानसभा में 10 फरवरी से बजट सत्र शुरू हो रहा है और बताया जा रहा है कि इस बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार संशोधन विधेयक पेश कर सकती है.

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