कोलकाता. राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने बंगाल के उन 12 श्रमिकों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया, जो चेन्नई में फंस गये थे. इसकी सूचना मिलने पर राज्यपाल ने केरल से कोलकाता की अपनी यात्रा चेन्नई में रोक दी और आपातकालीन सहायता करने की व्यवस्था करने को कदम उठाया. राजभवन सूत्रों ने बताया कि बंगाल के 12 मजदूर चेन्नई में फंसे थे. भूख के कारण रेलवे स्टेशन पर बेहोश हुए पांच लोगों को चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. सात लोगों को चेन्नई नगर निगम के तहत आश्रय घरों में रखा गया है. राज्यपाल यात्रा के दौरान उनकी दुर्दशा के बारे में सुना और अस्पताल अधिकारियों से संपर्क किया. साथ ही उन सभी को तत्काल वित्तीय सहायता स्वीकृत की. उन्होंने अधिवक्ता गोपिका नांबियार को नियुक्त किया, ताकि वह चेन्नई निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जगदीशन के परामर्श से उनके पुनर्वास के समन्वय के लिए काम कर सकें. गणेश मिधा (52), असित पंडित (47), सत्या पंडित (42), माणिक घोरोई (50) और समर खान (35) का अस्पताल में इलाज चल रहा है. अजीत मंडल (31), रबी राय (59), सनातन दास (44), शिशिर मांडी (31), काबुल खान (43), अनुप्रय (31) और कालीपद पंडित (49) को एक शेल्टर होम में रखा गया है. अस्पताल में तीनों मरीजों को 25-25 हजार रुपये दिये गये. दो मरीजों की हालत गंभीर होने के कारण वित्तीय सहायता आरएमओ को सौंप दी गयी. सेल्टर होम में रहने वाले सात लोगों को 10-10 हजार रुपये दिये गये. निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सात लोग पश्चिम बंगाल लौटना चाहते थे. राज्यपाल ने उनकी यात्रा खर्च वहन करने की भी बात कही है. निगम यह सुनिश्चित करने के लिए एक कांस्टेबल की व्यवस्था करेगा कि वे अपने गांवों तक पहुंच सकें. राज्यपाल की इस सहायता से बंगाल के मजदूर अब राहत महसूस कर रहे हैं.
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