हाइकोर्ट ने नहीं दी नर्सिंग होम की मालकिन को राहत, करना होगा मुकदमे का सामना
कोरोना काल में कोविड-19 से पीड़ित एक महिला को बाली स्थित एक नर्सिंग होम में भर्ती कराने के एक दिन बाद मौत हो गयी थी.
कोरोना काल में फर्जी डॉक्टर की देखरेख में भर्ती हुई थी मरीज, एक दिन बाद हुई थी मौत
संवाददाता, हावड़ा
कोरोना काल में कोविड-19 से पीड़ित एक महिला को बाली स्थित एक नर्सिंग होम में भर्ती कराने के एक दिन बाद मौत हो गयी थी. इस घटना के बाद मृतका के परिजनों ने इलाज कर रहे डॉक्टर और नर्सिंग होम के मालिक के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. परिजनों ने आरोप लगाया था कि जिस डॉक्टर की देखरेख में मरीज भर्ती थी, उसका मेडिकल सर्टिफिकेट फर्जी था. मामले की सुनवाई हावड़ा कोर्ट में शुरू हुई. इसी बीच नर्सिंग होम की मालिक व डॉक्टर शिउली मुखोपाध्याय ने एफआइआर से अपना नाम हटाने के लिए हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी. शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश अजय मुखर्जी ने उनकी याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि नर्सिंग होम मालिक इस घटना से खुद को अलग नहीं कर सकते हैं. उन्हें निचली अदालत में सुनवाई के दिन हाजिर होना होगा.
जानकारी के अनुसार, 26 मई, 2021 को मौली साहा हलदर कोविड-19 से पीड़ित हुई थीं और उन्हें बाली के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया. परिजनों के मुताबिक, नर्सिंग होम की मालिक शिउली मुखोपाध्याय ने डॉ सुदीप्त सरदार की देखरेख में मरीज को भर्ती कराने की सलाह दी थी और उसे डॉ सरदार की देखरेख में भर्ती कर लिया गया, लेकिन दूसरे दिन ही मरीज की मौत हो गयी. कुछ दिनों बाद मृतका के परिजनों को पता चला कि डॉ सरदार फर्जी डॉक्टर हैं. इसके बाद परिजनों ने नर्सिंग होम की मालिक और डॉक्टर सरदार के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करायी थी.
इसके बाद हाइ में सुनवाई शुरू हुई.
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