हाइकोर्ट ने दी राज्य सरकार की गठित जांच समिति को मान्यता
बाबा साहेब आंबेडकर विश्वविद्यालय में बीएड श्रेणी में दाखिला और कॉलेज को अनुमोदन देने में वित्तीय भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.
संवाददाता, कोलकाता
बाबा साहेब आंबेडकर विश्वविद्यालय में बीएड श्रेणी में दाखिला और कॉलेज को अनुमोदन देने में वित्तीय भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. इसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने एक जांच समिति का गठन किया है. हालांकि, गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस घटना में राज्य उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित जांच समिति को मान्यता दे दी है.
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इस वित्तीय भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक समिति नियुक्त की थी, जिसे चुनौती देते हुए हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. वहीं, कलकत्ता हाइकोर्ट की एक अन्य पीठ में विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाने की मांग को लेकर एक मामला दायर किया गया. उस मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसलिए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने जांच समिति के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया.
उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के लिए राज्य उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष (अकादमिक) आशुतोष घोष की एक सदस्यीय समिति का गठन किया है. राज्य ने गुरुवार को अदालत में बताया कि वह समिति में एक नया सदस्य नियुक्त करेगा.
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