हाइकोर्ट ने मुख्य सचिव की भूमिका पर उठाया सवाल
शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व शिक्षा विभाग के अधिकारी सुबीरेश भट्टाचार्य की जमानत पर सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाइकोर्ट ने फिर राज्य के मुख्य सचिव की भूमिका पर सवाल उठाया.
पार्थ व सुबीरेश चटर्जी की जमानत का मामला
मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर कोसंवाददाता, कोलकाताशिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व शिक्षा विभाग के अधिकारी सुबीरेश भट्टाचार्य की जमानत पर सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाइकोर्ट ने फिर राज्य के मुख्य सचिव की भूमिका पर सवाल उठाया. शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी और न्यायमूर्ति अपूर्व सिन्हा रॉय की खंडपीठ ने पूछा कि उन्होंने अबतक आरोपी सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में सहमति देने के संबंध में कदम क्यों नहीं उठाये. याचिकाकर्ताओं ने शुक्रवार को हाइकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि जमानत की याचिका दायर करनेवाले सभी आवेदक वरिष्ठ नागरिक हैं. इसपर हाइकोर्ट ने कटाक्ष करते हुए कहा कि दुर्भाग्य से वे वरिष्ठ नागरिक हैं, लेकिन जो लोग प्रताड़ित हुए हैं, वे सभी युवा हैं. याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने मुख्य सचिव की सहमति लेने में सीबीआइ की भूमिका पर सवाल उठाया. इस पर न्यायाधीश ने कहा कि अगर राज्य सरकार गिरफ्तार अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय करने पर सहमति नहीं देती है, तो अदालत या सीबीआइ क्या कर सकती है! गौरतलब है कि पार्थ चटर्जी, सुबीरेश भट्टाचार्य के अलावा अशोक साहा, शांति प्रसाद सिन्हा, चंदन मंडल जैसे आरोपियों ने जमानत के लिए आवेदन किया था. हाइकोर्ट ने सीबीआइ को भी इस संबंध में अपना बयान देने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है