उच्च न्यायालय ने चीनी मिलों में जूट पैकेजिंग नियम को किया बहाल
चीनी मिलों को जूट बैग के उपयोग से छूट देने वाले अंतरिम आदेश को चुनौती दी थी
कोलकाता. चीनी मिलों को दी गयी अस्थायी छूट को हटाते हुए कर्नाटक हाइकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि अब उन्हें जूट पैकेजिंग सामग्री (अनिवार्य उपयोग) अधिनियम, 1987 (जेपीएमए) के तहत 20 प्रतिशत चीनी को जूट बैग में पैक करना अनिवार्य होगा. यह फैसला भारत सरकार और इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन (आइजेएमए) द्वारा दायर अपील के बाद आया है, जिसमें उन्होंने चीनी मिलों को जूट बैग के उपयोग से छूट देने वाले अंतरिम आदेश को चुनौती दी थी.
गौरतलब है कि इस फैसले से जूट उद्योग को बड़ी राहत मिली है, जो लाखों किसानों और मजदूरों की आजीविका का मुख्य स्रोत है. जूट बैगों की मांग में इस फैसले के बाद वृद्धि होने की उम्मीद है, खासकर पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में, जहां जूट उद्योग आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है. उल्लेखनीय है कि चीनी उद्योग ने पहले जूट बैग के उपयोग पर चिंता जतायी थी, जिसमें नमी से संबंधित मुद्दे और उद्योग मानकों के अनुपालन की दिक्कतें शामिल थीं.
हालांकि, अब अदालत के आदेश के बाद, चीनी मिलों को इन नियमों का पालन करना होगा.
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