कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के दावों को खारिज करते हुए मंगलवार को रानी रासमणि एवेन्यू में द्रोह कार्निवल की अनुमति दे दी. कोर्ट ने कहा कि कार्निवल को नियंत्रित करने के लिए धारा 163 लागू करने का पुलिस का नोटिस असंगत है. कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि क्या वे इस द्रोह कार्निवल के विरोध में हैं या इसे नियंत्रित करने में असमर्थ हैं. इस पर राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि यदि द्रोह कार्निवल बुधवार को आयोजित हो तो राज्य को कोई आपत्ति नहीं है. साथ ही राज्य सरकार ने यह कार्यक्रम रामलीला मैदान में आयोजित करने का प्रस्ताव दिया. लेकिन अदालत ने राज्य सरकार के प्रस्तावों को मानने से इंकार कर दिया.न्यायमूर्ति रवि किशन कपूर ने कहा कि सभी को शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार है. धारा 163 लागू करने के लिए कोलकाता पुलिस का नोटिस अमान्य है और इसलिए इसे खारिज किया जा रहा है. न्यायाधीश ने कहा कि रेड रोड और रानी रासमणि एवेन्यू के बीच बैरिकेड्स लगाये जायेंगे और अन्य जगहों से बैरिकेड्स हटाने होंगे. मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता ने अतीत में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि कोलकाता के दुर्गापूजा को यूनेस्को द्वारा मान्यता दी गयी है. 2018 में शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी मेहमानों की मौजूदगी के कारण विरोध कार्यक्रम पर रोक लगा दी थी, इसलिए हाइकोर्ट इस मामले को भी वैसे ही देखे. लेकिन अदालत ने राज्य सरकार के दावों को मानने से इंकार कर दिया.
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