आरजी कर असपातल में तोड़फोड़ के मामले में निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर रही पुलिस
हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
कोलकाता. आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि पुलिस आरोपियों को छिपाने के लिए निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर रही है. मंगलवार को एक आरोपी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. आरोप है कि 14 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में देर रात हुए हमले और तोड़फोड़ के मामले में पुलिस असली अपराधियों को छिपाने के लिए निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर रही है. रूमा डे नामक युवती ने गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए हाइकोर्ट में मामला दायर किया गया था. उन्हें 15 अगस्त की रात टाला ब्रिज से गिरफ्तार किया गया. इसके बाद 20 अगस्त को फिर नयी शिकायत के बाद टाला पुलिस थाने में एक नयी एफआइआर दर्ज की गयी. युवती के वकील का दावा है कि रूमा डे घटना के दिन अस्पताल में प्रवेश नहीं की थीं. वह अस्पताल के बाहर सड़क पर खड़ी थीं. किसी भी सीसीटीवी फुटेज में उन्हें हमला करते हुए नहीं देखा गया, तो आखिर पुलिस ने किस आधार पर उसकी गिरफ्तारी की है? हालांकि राज्य का दावा है कि गिरफ्तारी के बाद निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और 10 सितंबर तक उनकी रिमांड का आदेश दिया. निचली अदालत से तीन बार जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने पुलिस को इस गिरफ्तारी के औचित्य पर पांच सितंबर तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है, मामले की अगली सुनवाई छह सितंबर को होगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है