एक अन्य हाथी की मौत को लेकर भी राज्य सरकार से रिपोर्ट जमा करने को कहा
संवाददाता, कोलकाता
कलकत्ता हाइकोर्ट ने झाड़ग्राम में 2023 में हुई एक गर्भवती हथिनी की मौत के मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तलब की है. साथ ही मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर पटाखे की चपेट में आने से हाथी की मौत के मामले में भी राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. दोनों मामलाें अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी.
मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट में हाथियों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन के उदासीन रवैये को लेकर सवाल उठाया गया. याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि हाथियों के प्रति लोगों के हिंसक व्यवहार या रवैये को रोकने के लिए प्रशासनिक पहल की कमी है, जिसकी वजह से पिछले कुछ दिनों के भीतर दो हाथियों की मौत हो गयी.
वहीं, वकील ने दावा किया कि हाथियों को भगाने के नाम पर हुला पार्टी का इस्तेमाल बिल्कुल भी वैज्ञानिक पहल नहीं है. हालांकि, राज्य सरकार ने दावा किया कि झाड़ग्राम में हाथी की मौत की घटना के बाद वन विभाग ने कई कदम उठाये हैं.
गौरतलब है कि वन विभाग ने एक जुलाई 2023 को बदरभुला रेंज के काजला गांव से हाथियों को ले जाकर जंगल में छोड़ दिया. उसी समय एक गर्भवती हथिनी की मृत्यु हो गयी थी. उस घटना पर वकील रायवत बनर्जी ने कलकत्ता हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने हाथी की मौत कैसे हुई, यह जानने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट तलब की है. राज्य को 24 सितंबर को अदालत को रिपोर्ट सौंपनी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है