HMPV Virus in Kolkata: कर्नाटक-गुजरात के बाद कोलकाता पहुंचा एचएमपीवी वायरस, अब तक सामने आए 4 मामले, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
HMPV Virus in Kolkata: नये साल की शुरुआत में एक और चीना वायरस ने भारत की चिंता बढ़ा दी है. देश में एचएमपीवी वायरस के चार मामले सामने आ चुके हैं. कर्नाटक, गुजरात के बाद पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक और मामला सामने आया है. हालांकि नये वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. विभाग ने लोगों को चिंता न करने की सलाह दी है.
HMPV Virus in Kolkata: चीन में चिंता बढ़ाने के बाद ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMVP) की दस्तक अब भारत में भी हो चुकी है. भारत में तीन राज्यों में इससे संक्रमित मरीज की पुष्टी हो चुकी है. कर्नाटक, गुजरात और पश्चिम बंगाल में इस वायरस के मरीज मिल चुके हैं. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी एक बच्चा एचएमपीवी वायरस से पीड़ित पाया गया है. हालांकि अस्पताल सूत्रों ने कहा है कि संक्रमित शिशु में चीनी वेरिएंट नहीं मिला है. बच्चे का सफल इलाज हो चुका है और वो अपने घर भी लौट गया है, लेकिन वायरस ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है.
बच्चे सबसे ज्यादा हो रहे हैं प्रभावित
हाल में कोलकाता के पियरलेस अस्पताल में एचएमपीवी से पीड़ित एक छह महीने के बच्चे का इलाज किया गया है. फिलहाल उसकी सेहत पर नजर रखी जा रही है. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बूढ़ों को हो रहा है. अभी तक देश में मिले मामलों में बच्चों ही इससे प्रभावित हुए हैं. जानकारी के अनुसार, देश में एचएमपीवी के चार मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन अभी भी यह निश्चित नहीं है कि यह चीनी वैरिएंट है या नहीं.
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने जारी की चेतावनी
एचएमपीवी वायरस को लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से अलर्ट भी जारी की गई है. विभाग ने लोगों से न घबराएं और सजग रहने की अपील की है. राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों को इस वायरस से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. पियरलेस हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर हेड डॉ सहेली दासगुप्ता ने बताया कि दो महीने पहले शहर में छह माह का एक शिशु संदिग्ध अवस्था में इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा था. वह मुंबई से कोलकाता आया था. अस्पताल में इलाज के बाद अब वह पूरी तरह से ठीक हो चुका है.
पांच साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं सबसे ज्यादा प्रभावित- डॉ दासगुप्ता
डॉ दासगुप्ता ने बताया कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस संक्रमण आम तौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है. यह वायरस ज्यादातर सर्दियों के मौसम में होता है. इसके मुख्य लक्षण बुखार, खांसी, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ हैं. कभी-कभी तकलीफ इतनी ज्यादा हो सकती है कि बच्चों को पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट में हाई फ्लो नेजल कैनुला, बाइपैप या सीपीएपी से सांस लेने में सहायता की जरूरत होती है. डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल में दो महीने पहले पीआइसीयू में मेटान्यूमोवायरस संक्रमण से पीड़ित छह महीने के बच्चे का इलाज किया गया था. इस संक्रमण के लिए कोई एंटीवायरस उपचार की आवश्यकता नहीं है. अगर आपके बच्चे को तेज बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, दूध पीने में मुश्किल हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.