संविधान के तहत मोदी सरकार कितने पीड़ितों को न्याय दिला पा रही है
मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्ष में संविधान को जितना नुकसान पहुंचायी है, उतना पिछले 70 वर्ष में अन्य सरकारों ने नहीं पहुंचाया.
एजेंसियां, नयी दिल्ली/कोलकाता
संविधान में नागरिकों को न्याय दिलाने की प्रतिबद्धता की ओर ध्यान दिलाते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने सोमवार को प्रश्न किया कि मणिपुर, बिलकिस बानो, उमर खालिद सहित विभिन्न पीड़ितों को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार क्या न्याय दे पायी है. उच्च सदन में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए गोखले ने कहा कि देश में बेरोजगार युवकों और महंगाई की मार झेल रहे आमलोगों को कितना आर्थिक न्याय मिल पाया है, यह विचार करने की बात है. तृणमूल सांसद ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्ष में संविधान को जितना नुकसान पहुंचायी है, उतना पिछले 70 वर्ष में अन्य सरकारों ने नहीं पहुंचाया.
श्री गोखले ने कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि उनकी सरकार पश्चिम बंगाल के मनरेगा कामगारों, बिलकिस बानो, उमद खालिद, खालिद सैफी, जान गंवाने वाले 750 प्रदर्शनकारी किसानों, मणिपुर के लोगों सहित विभिन्न पीड़ितों के साथ कितना न्याय कर पा रही है. उन्होंने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में आसानी से कल्पना की जा सकती है, जबकि लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों के बारे में ‘जहरीले बोल’ बोले गये थे. उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा से कहा कि पश्चिम बंगाल के मतदाता 2026 के विधानसभा चुनाव में उसके अहंकार को दूर कर उसे पराजित करेंगे.
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