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जलापूर्ति और जलनिकासी के बिना प्लान को मंजूरी कैसे?

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कोलकाता नगर निगम की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन स्थानों पर जलापूर्ति या जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है, ऐसे स्थानों पर बिल्डिंग प्लान की मंजूरी कैसे दी जा सकती है.

एनजीटी ने उठाये सवालसंवाददाता, कोलकाता राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कोलकाता नगर निगम की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन स्थानों पर जलापूर्ति या जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है, ऐसे स्थानों पर बिल्डिंग प्लान की मंजूरी कैसे दी जा सकती है. एनटीजी ने आश्चर्य जाहिर करते हुए कि कोलकाता नगर निगम के कई वार्डों में घरों या कॉलोनियों में निर्माण योजनाओं को मंजूरी दी गयी, जबकि नल जल आपूर्ति या पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं थी. इस मामले में एनजीटी ने कोलकाता नगर निगम को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया. केएमसी को चार सप्ताह के भीतर नगर निगम को अदालत के सामने प्रस्तुत करना होगा. गौरतलब है कि चेन्नई के बाद कोलकाता के भी कई क्षेत्रों में जल संकट गहराता जा रहा है. इस मामले में कोलकाता नगर निगम द्वारा एक हलफनामा दाखिल किया गया था. इस हलफनामे में कहा गया है कि कोलकाता नगर निगम पूरे शहर में पाइप के जरिये जलापूर्ति बढ़ाने के लिए काम कर रहा है. हालांकि इस पहल को पूरा होने के लिए करीब पांच साल लगेंगे. अदालत का कहना है कि हलफनामे में इस बात का भी जिक्र नहीं किया गया है कि किन वार्डों में पाइप के जरिये पानी की आपूर्ति की जा रही है और कहां यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. एनजीटी ने निगम से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

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