25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जो शौचालय को ठीक नहीं रख सकते, वे समाज का आधुनिकीकरण कैसे करेंगे?

नाराजगी. हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने पीडब्ल्यूडी के कामकाज पर उठाये सवाल

नाराजगी. हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने पीडब्ल्यूडी के कामकाज पर उठाये सवाल कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट की ओर से राज्य के लोक निर्माण विभाग के कामकाज पर सवाल उठाये हैं. हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने राज्य सरकार के कामकाज पर असंतोष जाहिर किया है. गुरुवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने कहा कि राज्य का लोक निर्माण विभाग यहां उच्च न्यायालय के एक शौचालय का रखरखाव नहीं कर सकता और हमें यह विश्वास करना होगा कि वे समाज का आधुनिकीकरण करेंगे. मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा : जब मैं पहली बार इस उच्च न्यायालय में आया था, तब से यह काम लंबित है. मुझे विश्वास नहीं है कि पीडब्ल्यूडी ऐसा बिल्कुल कर सकता है. वहीं, न सिर्फ कलकत्ता हाइकोर्ट, बल्कि सिलीगुड़ी में भी उनका जलवा बरकरार है. जनहित मामले में उस रिपोर्ट को देखने के बाद से हाइकोर्ट नाराज है. अदालत ने कहा कि जो विभाग एक शौचालय का रखरखाव नहीं कर सकता, वह भूमि अधिग्रहण, फायर परमिट आदि से कैसे निबटेगा. हाइकोर्ट ने कहा कि हावड़ा के जिला मजिस्ट्रेट उचित कार्रवाई करेंगे. जल निकासी के लिए कई लाख रुपये की जरूरत है, इसलिए कोर्ट को जिला मजिस्ट्रेट को बताना चाहिए कि कौन-सा विभाग यह काम करने में सक्षम है. क्या है मामला जानकारी के अनुसार, स्थानीय लोगों का आरोप है कि हावड़ा के जगाछा क्षेत्र में 15 साल से पानी जमा हो रहा है. इस बारे में बार-बार शिकायत करने के बावजूद लोक निर्माण विभाग कोई कदम नहीं उठा रहा. हाइकोर्ट के आदेश पर विभाग के अधिकारियों ने 23 दिसंबर को इलाके का दौरा किया और रिपोर्ट सौंप कर बताया कि वहां कोई पानी नहीं जमा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें