मैं कट्टर धर्मनिरपेक्ष व देशभक्त भारतीय : फिरहाद
शुक्रवार की टिप्पणी पर मचे बवाल के बाद शहरी विकास मंत्री की सफाई
शुक्रवार की टिप्पणी पर मचे बवाल के बाद शहरी विकास मंत्री की सफाई कोलकाता. मंत्री व मेयर फिरहाद हकीम ने प्रदेश और देश में मुसलमानों के कम प्रतिशत संबंधी कथित टिप्पणी को लेकर भाजपा, कांग्रेस और हिंदू संतों के एक वर्ग द्वारा आलोचना किये जाने के बाद रविवार को सफाई देते हुए कहा कि उनका धर्मनिरपेक्ष और देशभक्ति के मूल्यों में दृढ़ विश्वास है. राज्य के नगर विकास मंत्री ने शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम में अल्पसंख्यक छात्रों को संबोधित करते हुए कथित तौर पर कहा था : पश्चिम बंगाल में हम (मुस्लिम) 33 प्रतिशत हैं और देशभर में हम 17 प्रतिशत हैं. हकीम ने कहा था कि अल्पसंख्यकों को ऐसी स्थिति में पहुंचने का प्रयास करना चाहिए, जहां वे खुद को अधिक मजबूती से व्यक्त कर सकें और न्याय के लिए उनकी मांग को स्वीकार किया जाए. उन्होंने कहा था : संख्या की दृष्टि से हम अल्पसंख्यक हो सकते हैं, लेकिन अल्लाह के करम से हम इतने शक्तिशाली बन सकते हैं कि हमें न्याय के लिए मोमबत्ती रैली निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी. हम ऐसी स्थिति में होंगे, जहां हम सशक्तीकरण के सही अर्थों में बहुसंख्यक बन जायेंगे. शुक्रवार की इस टिप्पणी से उपजे विवाद के बारे में पूछे जाने पर फिरहाद ने रविवार को एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा : मैं एक कट्टर धर्मनिरपेक्ष और देशभक्त भारतीय हूं. कोई भी मेरे धर्मनिरपेक्ष मूल्यों और देश के प्रति प्रेम पर सवाल नहीं उठा सकता. क्या बंगाल को दूसरा बांग्लादेश बनाना चाहते हैं हकीम : संत कार्तिक: भारत सेवाश्रम संघ (बीएसएस) के वरिष्ठ संत कार्तिक महाराज ने आरोप लगाया कि मुसलमानों की शिक्षा और आर्थिक उन्नति पर जोर देने के बजाय हकीम उनकी संख्या बढ़ाने की बात कर रहे हैं, जिससे राज्य में घुसपैठ को बढ़ावा मिलेगा. महाराज ने रविवार को सिलीगुड़ी में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम लाख कंठे गीता पाठ (एक लाख स्वरों में गीता का जाप) में कहा : अगर फिरहाद हकीम केवल मुसलमानों के लिए आर्थिक विकास के उपाय करने की बात करते, तो हमें कोई आपत्ति नहीं होती. लेकिन विश्लेषण कीजिए कि उन्होंने हमारी आबादी में मुसलमानों के प्रतिशत का उल्लेख क्यों किया. क्या वह पश्चिम बंगाल को दूसरा बांग्लादेश बनाना चाहते हैं? दिलीप घोष व अधीर रंजन ने भी मेयर पर बोला हमला भाजपा के पूर्व सांसद दिलीप घोष ने कहा कि हकीम की टिप्पणी राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में सांप्रदायिक तत्वों की पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश बनाने और इसे भारत से अलग करने की योजना को उजागर करती है. कांग्रेस के पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भाजपा और तृणमूल दोनों ही धर्म की राजनीति का खतरनाक खेल खेल रही हैं. भाजपा बहुसंख्यक वोट बैंक के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए हिंदू कट्टरपंथियों को प्रोत्साहित कर रही है, जबकि तृणमूल संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू और मुस्लिम दोनों कट्टरपंथियों के साथ मेलजोल बढ़ा रही है. पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष ने कहा : फिरहाद हकीम की टिप्पणियों से मुस्लिम कट्टरपंथी तत्वों को शामिल करने की भयावह योजना का पता चलता है. हकीम ने जाहिर कर दी अपनी असल मंशा : अमित मालवीय भाजपा के आइटी प्रकोष्ठ के प्रभारी अमित मालवीय ने हकीम के बयान की आलोचना करते हुए उन पर यह सुझाव देने का आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल और भारत जल्द ही मुस्लिम बहुल हो जायेगा. मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा पोस्ट में कहा : कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने पहले गैर-मुसलमानों को दुर्भाग्यपूर्ण बताकर और हिंदुओं को इस्लाम में परिवर्तित करने के दावत-ए-इस्लाम के प्रयासों का समर्थन करके अपनी असली मंशा जाहिर कर दी है. हकीम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं, जहां मुसलमान शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों या जुलूसों पर निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि न्याय अपने हाथों में लेंगे, जो संभवतः शरिया कानून की ओर इशारा करता है. फिरहाद हकीम के बचाव में आये कुणाल घोष तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने हकीम का बचाव करते हुए कहा कि मंत्री की टिप्पणी को जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया गया. घोष ने कहा : उनके कहने का मतलब बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों का उत्थान था, ताकि वे मुख्यधारा के समाज में शामिल हो सकें और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें. कुछ तत्व उनके विचारों को अलग रूप देने की कोशिश कर रहे हैं.
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