मणिपुर के सीएम को बंगाल की स्थिति पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं : सागरिका

बंगाल की स्थिति पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं

By Prabhat Khabar News Desk | August 30, 2024 9:18 PM
an image

आरजी कर कांड को लेकर प्रदर्शनों पर ममता के रवैये पर टिप्पणी करने का मामला कोलकाता/नयी दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस की नेता सागरिका घोष ने महानगर के आरजी कर अस्पताल में एक जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ प्रदर्शनों से निबटने के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तरीके पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की टिप्पणियों को लेकर उनकी आलोचना की है. घोष ने कहा कि मणिपुर की स्थिति के मद्देनजर पश्चिम बंगाल पर टिप्पणी करने का उन्हें कोई ‘नैतिक अधिकार’ नहीं है. मणिपुर के मुख्यमंत्री ने एक साक्षात्कार में चिकित्सक दुष्कर्म और उसकी हत्या और उसके बाद विरोध प्रदर्शनों की स्थिति से निबटने को लेकर पश्चिम बंगाल की अपने समकक्ष पर कटाक्ष किया है. घोष ने मणिपुर की स्थिति की ओर इशारा करते हुए दावा किया कि हजारों लोग राहत शिविरों में लगातार परेशानियों का सामना कर रहे हैं. घोष ने कहा : मणिपुर के मुख्यमंत्री के विपरीत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुष्कर्म और हत्या के संबंधित मामले में ‘न्याय’ को हमेशा सबसे ऊपर रखा है. कोलकाता पुलिस ने इस मामले को 24 घंटे में सुलझा लिया. इसकी तुलना मणिपुर से करें, जहां 18 महीने बाद भी हजारों लोग राहत शिविरों में पीड़ा का सामना कर रहे हैं. जातीय हिंसा में 220 से ज्यादा लोग मारे गये हैं और पुलिस ने महीनों तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की. मणिपुर के मुख्यमंत्री ने ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा था : एक मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने (ममता बनर्जी) जो रवैया दिखाया. शुरू में मामले का हर किसी पर असर नहीं पड़ा. एक अस्पताल के अंदर एक चिकित्सक के साथ जो हुआ. यह एक जघन्य अपराध है. उन्होंने आरोप लगाया कि कार्रवाई करने और जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने के बजाय, बनर्जी ‘रैलियों में भाग ले रही थीं.’ सिंह ने बनर्जी की उस कथित टिप्पणी पर भी आपत्ति जतायी, जिसमें उन्होंने कहा था : अगर बंगाल जलता है, तो असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version