जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार से लड़ने को तैयार हूं : मुख्य न्यायाधीश
कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने मंगलवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है.
निचली अदालतों में आधारभूत ढांचा की कमी पर हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस ने जतायी नाराजगी
संवाददाता, कोलकाताकलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने मंगलवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है. मुख्य न्यायाधीश ने निचली अदालतों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने में राज्य सरकार की विफलता पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने राज्य की विभिन्न निचली अदालतों में स्टाफ की कमी के संबंध में राज्य सरकार की भूमिका पर भी असंतोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि राज्य के 11 जिलों के जिला जज की ओर से उनके पास आवेदन भेजे गये हैं. इसमें कहा गया है कि वहां बार के लिए कोई जगह नहीं है. वहां जजों के बैठने के लिए भी कोई जगह नहीं है. यहां तक कि अदालतों में लगने वाले आवश्यक दस्तावेज भी नहीं हैं. राज्य सरकार इसके लिए कोई फंड नहीं दे रही है. निचली अदालतों में सिर्फ संविदा कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है. मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस राज्य में स्थिति सबसे खराब है. उन्होंने कहा कि वह कुछ और महीनों तक मुख्य न्यायाधीश बने रहेंगे. मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि राज्य सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो वह राज्य प्रशासन से लड़ने के लिए तैयार हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है