24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अदालत ने पूछा : अगर स्टूडेंट्स स्कूल न आयें, तो शिक्षक क्या करें

एक तो स्कूल में छात्र-छात्राओं की तादाद ही कम है, ऊपर से जिनका नामांकन है, वे भी ठीक से स्कूल आते नहीं

कोलकाता. एक तो स्कूल में छात्र-छात्राओं की तादाद ही कम है, ऊपर से जिनका नामांकन है, वे भी ठीक से स्कूल आते नहीं. अंगुलियों पर गिनने लायक संख्या में ही कुछ स्टूडेंट्स स्कूल आते हैं. ऐसे में बतौर शिक्षक स्कूल में बने रहने का औचित्य नहीं देख जलपाईगुड़ी के एक शिक्षक ने अपने तबादले का आवेदन दिया था. लेकिन, डीआइ ने उनके आवेदन को सिरे से खारिज कर जहां हैं, वहीं रहने काे कह दिया. लगे हाथ यह भी निर्देश दे दिया कि वे गांव-गांव जाकर बच्चों को स्कूल लाने की व्यवस्था करें. इस निर्देश के मद्देनजर ही उपरोक्त शिक्षक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है. कलकत्ता हाई कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल पीठ के सामने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध उपरोक्त मामला दीपक पासवान नामक एक शिक्षक ने दर्ज कराया है. वह जलपाईगुड़ी के रानीचेरा टीजी जूनियर हाईस्कूल में सोशल साइंस के शिक्षक हैं. अपने तबादले के आवेदन के खारिज होने से परेशान होकर श्री पासवान कोर्ट की शरण में पहुंचे हैं. श्री पासवान के मुताबिक, उनके स्कूल में स्टूडेंट्स की संख्या मात्र 26 है. इनमें औसतन पांच-छह ही स्कूल आते हैं. किसी-किसी दिन ऐसा भी होता है कि एक भी विद्यार्थी स्कूल परिसर में नहीं दिखता. अर्थात कभी-कभी स्कूल में छात्रों की उपस्थिति शून्य तक पहुंच जाती है. उनका कहना है कि इस स्थिति को देखते हुए ही उन्होंने अपने तबादले के लिए आवेदन किया था, जिसे खारिज कर दिया गया था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें