संवाददाता, कोलकाता
शहर के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी करार दिये गये संजय राय की मां ने रविवार को कहा कि अगर उनका बेटा दोषी है, तो उसे उसके किए की सजा मिलनी चाहिए, फिर भले ही वह सजा फांसी ही क्यों न हो.
राय की मां मालती राय ने कहा कि वह अकेले में रोयेंगी, लेकिन उसकी सजा को नियति मानकर स्वीकार करेंगी. सियालदह की अदालत ने 18 जनवरी को संजय राय को दोषी ठहराया था. शुरुआत में मीडिया से बात करने में संकोच करने वाली संजय की मां मालती राय ने रविवार सुबह संवाददाताओं से कहा कि एक महिला और तीन बेटियों की मां होने के नाते मैं उस महिला चिकित्सक की मां की पीड़ा और दर्द को महसूस कर सकती हूं. संजय की मां (75) ने शंभूनाथ पंडित स्ट्रीट पर अपनी झुग्गी के दरवाजे पर हुई बातचीत में कहा : यदि अदालत उसे फांसी पर लटकाने का निर्णय करती है, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि उसका अपराध कानून की नजर में सिद्ध हो चुका है. मैं अकेले में रोऊंगी, लेकिन इसे नियति का खेल मानकर स्वीकार कर लूंगी. यह पूछे जाने पर कि क्या वह अदालती सुनवाई के दौरान वहां गयी थीं या थाने में राय से मिली थीं. उन्होंने कहा : नहीं. मैं क्यों जाऊंगी? यदि आरोप झूठे पाये जाते, तो मैं खराब स्वास्थ्य के बावजूद उससे मिलने की कोशिश करती. तीन बहनों के भाई संजय की एक बहन की कई साल पहले मौत हो चुकी है. संजय राय की बड़ी बहन ने शनिवार को कहा कि यदि वह दोषी है, तो कानून को उसे दंडित करना चाहिए और परिवार की किसी भी अदालत में आदेश को चुनौती देने की कोई योजना नहीं है.
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि उनका भाई वास्तव में दोषी है, तो उन्होंने कहा : कृपया हमें अकेला छोड़ दीजिये. हम टूट चुके हैं. महिला ने अपनी पहचान या नाम उजागर न करने का अनुरोध किया और बताया कि उनका भाई बचपन में किसी सामान्य लड़के की ही तरह था. उन्होंने कहा : जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ, उसने शराब पीना शुरू कर दिया. लेकिन इसके अलावा मैंने कभी संजय द्वारा किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार किये जाने का मामला नहीं सुना. बेशक, पिछले कुछ वर्षों में हमारा उससे नियमित संपर्क नहीं था और वह एक अलग इलाके में रहता था, इसलिए मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है.
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