तकनीकी उत्कृष्टता का आधार है आइआइटी खड़गपुर : टीवी नरेंद्रन

आइआइटी खड़गपुर के 70वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, नरेंद्रन ने इसे एक ऐसा संस्थान बताया जो सात दशकों से अधिक समय से भारत की तकनीकी और शैक्षणिक उत्कृष्टता का आधार रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 31, 2024 5:09 AM

खड़गपुर. आइआइटी खड़गपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष टीवी नरेंद्रन ने सोमवार को कहा कि भारत की तकनीकी उत्कृष्टता का आधार यह प्रतिष्ठित संस्थान ‘अपने क्षेत्र में अग्रणी रहने वालों की अगली पीढ़ी को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आइआइटी खड़गपुर के 70वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, नरेंद्रन ने इसे एक ऐसा संस्थान बताया जो सात दशकों से अधिक समय से भारत की तकनीकी और शैक्षणिक उत्कृष्टता का आधार रहा है.टाटा स्टील के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइओ) और प्रबंध निदेशक नरेंद्रन ने कहा: जैसे-जैसे भारत विनिर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है, दुनिया की नजर सबसे युवा देशों में से एक के रूप में हमारी क्षमता पर केंद्रित होती जा रही है. इस महत्वपूर्ण दौर में आइआइटी खड़गपुर, अपने क्षेत्र में अग्रणी रहने वालों की अगली पीढ़ी, नवोन्मेषकों और बदलाव लाने वाले युवाओं को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. नरेंद्रन ने यह भी कहा कि आने वाला दशक भारत को दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरते हुए देखेगा और आइआइटी खड़गपुर को इसमें एक प्रमुख कड़ी बने रहना चाहिए. दीक्षांत समारोह में कुल 3,456 डिग्रियां वितरित की गयीं, जिनमें 480 पीएचडी डिग्रियां शामिल हैं. दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो के चांसलर प्रो प्रदीप के खोसला और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व उपाध्यक्ष तथा राष्ट्रीय अनुसंधान प्रोफेसर (आयुष मंत्रालय, भारत सरकार) डॉ भूषण पटवर्धन सम्मानित अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे. समारोह के दौरान विभिन्न विषयो में 480 पीएचडी, 822 एमटेक, 700 बीटेक (ऑनर्स) और अन्य डिग्रियां प्रदान की गयीं. पूर्व छात्रों और संकायों को शिक्षा, विज्ञान और समाज में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किये गये. आइआइटी खड़गपुर की स्थापना 1951 में हुई थी और यह 17,000 से अधिक छात्रों और वैश्विक मान्यता के साथ एक प्रमुख संस्थान बन गया है. समारोह को संबोधित करते हुए आइआइटी खड़गपुर के निदेशक वीरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि भविष्य की दृष्टि से आइआइटी खड़गपुर भारत के ‘टेकडे विजन’ और ‘विकसित भारत @2047’ में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है. योजनाओ में फैकल्टी-छात्र अनुपात को बढ़ाना, अनुसंधान और नवाचार के लिए एक वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना, और वैश्विक चुनौतियों के लिए मानव-केंद्रित समाधान को प्राथमिकता देना शामिल है.

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