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वार्ड 36 में प्रशासन की नाक के नीचे भू-जल का हो रहा अवैध इस्तेमाल

ऐसे में तृणमूल पार्षद सचिन कुमार सिंह ने अब इस मुद्दे को निगम के मासिक अधिवेशन में उठाया.

पार्षद ने निगम के मासिक अधिवेशन में इस मुद्दे को उठाया कोलकाता. महानगर के 36 नंबर वार्ड में प्रशासन की अनुमति के बगैर भू-जल का दोहन किया जा रहा है. भूमिगत पानी को मिनरल वाटर के नाम से बेचा जा रहा है. इस संबंध में स्थानीय वार्ड के पार्षद सचिन सिंह की ओर कोलकाता नगर निगम आयुक्त, जलापूर्ति विभाग के डायरेक्टर जनरल (डीजी), राज्य जल जांच निदेशालय (एसडब्ल्यूआइडी), कोलकाता के मेयर और नारकेलडांगा में लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी है. लेकिन पार्षद का कहना है कि अब तक किसी तरह का ठोस कदम प्रशासन की ओर से नहीं उठाया गया है. ऐसे में तृणमूल पार्षद सचिन कुमार सिंह ने अब इस मुद्दे को निगम के मासिक अधिवेशन में उठाया. शुक्रवार को निगम के अधिवेशन के प्रश्न काल में सचिन कुमार सिंह ने इस संबंध में एक प्रश्न सदन में रखा. उन्होंने सदन को बताया कि कोलकाता के 36 नंबर वार्ड स्थित नार्थ सियालदह रोड स्थित हाजीपाड़ा में लंबे समय से अवैध बोरवेल के माध्यम से भू-जल को निकाला जा रहा है, जिससे वार्ड 36 का भू-जल स्तर तेजी से गिर रहा है. पार्षद ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने इस साल जून महीने में निगम आयुक्त से शिकायत की थी. लेकिन अब तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. उन्होंने पूछा कि क्या निगम को अवैध बोरिंग के संबंध में कोई जानकारी है. अगर जानकारी है, तो निगम की ओर से कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. क्या निगम अवैध तरीके से बोरिंग करने वाले व्यक्ति पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है. तृणमूल पार्षद श्री सिंह ने बताया कि भू-जल को व्यवसाय के लिए इस्तेमाल में लाने के लिए एसडब्ल्यूआइडी से अनुमति लेना जरूरी है. साथ ही ट्रेड लाइसेंस भी होना चाहिये. लेकिन उन्होंने एसडब्ल्यूआइडी से बात की थी. एसडब्ल्यूआइडी ने बताया कि वार्ड में मिनरल वाटर तैयार करने कि किसी के द्वारा अनुमति नहीं ली गयी है. उन्होंने बताया कि वार्ड में एक सामाज विरोधी, जो जेल की सजा भी काट चुका है. वही अवैध तरीके भू-जल का इस्तेमाल कर बोतल बंद पानी को तैयार कर रहा है. पार्षद ने बाताया एसडब्ल्यूआइडी भू-जल की जांच करती है. लेकिन पानी की गुणवत्ता की जांच किये बगैर बोतल बंद पानी का कारोबार चल रहा है. ऐसे पानी को पीने वाले लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. लोग बीमार हो सकते हैं या कैंसर जैसी बिमारी की चपेट में आ सकते हैं. ऐसे में निगम में तुरंत वार्ड में अवैध तरीके से बोतलबंद पानी को तैयार करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करे. उधर, इसके जवाब में मेयर ने बताया कि निगम ने इस मामले में एसडब्ल्यूआइडी से शिकायत की है कि वे पानी की जांच करें. लेकिन एसडब्ल्यूआइडी की ओर से हमसे यह पूछा गया है कि कितने लोगों तक वार्ड में इस बोतल बंद पानी को पहुंचाया जा रहा है. इस कारखाने को बंद किये जाने के बाद क्या निगम उतने लोगों तक पेयजल पहुंच सकता है. उन्होंने बताया कि जल्द ही हम एसडब्ल्यूआइडी को इन सवालों के जवाब देंगे. इसके बाद राज्य जल जांच निदेशालय (एसडब्ल्यूआईडी) आगे की कार्रवाई करेगी.

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