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भारतीय आधार कार्ड की कीमत महज एक हजार टका

बांग्लादेश में जाली आधार कार्ड व नकली भारतीय दस्तावेज बनाने वाले बड़े गिरोह के सक्रिय होने की आशंका

कोलकाता. क्या आपको पता है कि बांग्लादेश में एक भारतीय जाली आधार कार्ड की कीमत क्या है? वहां इसकी कीमत एक हजार टका (बांग्लादेशी मुद्रा) है. इस बात का खुलासा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा मुर्शिदाबाद स्थित भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से पकड़े गये चार बांग्लादेशी घुसपैठियों से पूछताछ में हुआ. ऐसे में यह आशंका खारिज नहीं की जा रही है कि बांग्लादेश में जाली भारतीय आधार कार्ड व नकली भारतीय दस्तावेज बनाने का एक गिरोह सक्रिय है, जिसके तार भारतीय सीमावर्ती इलाकों से भी जुड़े हो सकते हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए बीएसएफ ने पकड़े गये चारों बांग्लादेशियों की जानकारी व पूछताछ में मिले तथ्यों को पुलिस ही नहीं, बल्कि केंद्रीय एजेंसियों से भी साझा किया है, ताकि जाली भारतीय दस्तावेज बनाने वाले गिरोह से जुड़े लोगों तक पहुंचा जा सके.

कब और क्या हुआ

बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि गत मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल की 73वीं बटालियन के जवानों ने सीमा चौकी बामनाबाद इलाके में पांच लोगों की संदिग्ध गतिविधि देखी, जो बांग्लादेश से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करके भारतीय सीमा में अवैध तरीके से घुस आये थे. बीएसएफ के जवान उन्हें पकड़ने के लिए आगे बढ़े, तब उन्होंने आक्रामक रुख दिखाया. बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई के बाद घुसपैठिये इलाके में तितर-बितर हो गये और झाड़ियों में छिपने की कोशिश की. इस बीच, बीएसएफ की क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) भी मौके पर पहुंच गयी और एक के बाद एक सभी घुसपैठियों को पकड़ लिया. इसके बाद उन्हें सीमा चौकी बामनाबाद लाया गया. प्रारंभिक पूछताछ में भारतीय दलाल ने बताया कि गत मंगलवार को वह अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पहुंचा, जहां से उसे चारों बांग्लादेशी नागरिक मिले और वे उसकी मदद से भारतीय सीमा में घुसे. सीमा पार कराने के लिए उसे प्रत्येक बांग्लादेशी नागरिक से चार हजार रुपये मिलते.

मजदूरी का काम करने चेन्नई जाने वाले थे बांग्लादेशी घुसपैठिये

बीएसएफ के अधिकारियों ने पकड़े गये बांग्लादेशियों से पूछताछ की, तो उन्हें पता चला कि भारतीय पहचान के लिए नकली आधार कार्ड बांग्लादेश के राजशाही के उपजिला गोदागरी में बांग्लादेशी दलाल ने बनवा कर दिये थे, जिसके लिए प्रत्येक से एक हजार बांग्लादेशी टका लिये गये थे. चारों बांग्लादेशी भी गोदागरी के रहने वाले हैं और चेन्नई में मजदूरी का काम करने के लिए जाने वाले थे. इस बात की आशंका जतायी जा रही है कि जाली आधार कार्ड व नकली भारतीय दस्तावेज बनाने वाला बड़ा गिरोह बांग्लादेश में सक्रिय है, जिसके तार भारत के सीमावर्ती इलाकों से भी जुड़े हो सकते हैं. गिरफ्तार भारतीय दलाल व चारों बांग्लादेशियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए रानीनगर पुलिस थाना को सौंप दिया गया है.

क्या कहना है बीएसएफ अधिकारी का

बीएसएफ, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जनसंपर्क अधिकारी व डीआइजी नीलोत्पल कुमार पांडेय ने कहा : बीएसएफ के जवानों की सतर्कता और कुशलता से ही इस प्रकार की घुसपैठ को नाकाम किया गया है. बीएसएफ की प्राथमिकता हमेशा से ही अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है और हम अपनी इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और तत्परता से निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नकली दस्तावेजों के माध्यम से अवैध रूप से भारत में घुसने की कोशिशें भी हो रही हैं, लेकिन बीएसएफ के जवान इन चुनौतियों से निबटने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं. पकड़े गये चारों बांग्लादेशियों से पूछताछ में मिले तथ्यों को पुलिस और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों से साझा किया गया है, ताकि जाली आधार कार्ड से जुड़े गिरोह व मामले से जुड़े सभी पहलुओं का पता चल सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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