भारतीय मछुआरों को बांग्लादेश में पीटा गया: ममता
भारत और बांग्लादेश में तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के बीच दोनों देशों ने आपसी संबंध को बेहतर करने की पहल शुरू की है.
मुख्यमंत्री ने मछुआरों से बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश नहीं करने का किया अनुरोध
संवाददाता, सागरद्वीप
भारत और बांग्लादेश में तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के बीच दोनों देशों ने आपसी संबंध को बेहतर करने की पहल शुरू की है. इस पहल के तहत सोमवार को भारतीय तटरक्षक बल ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर 95 भारतीय मछुआरों के बदले 90 बांग्लादेशी मछुआरों को सौंप दिया. इसके बाद इन भारतीय मछुआरों को आइसीजी ने सोमवार को सागरद्वीप के पास दक्षिण 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट को सौंप दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें सागरद्वीप में आयोजित सरकारी कार्यक्रम के दौरान 10-10 हजार रुपये का आर्थिक अनुदान प्रदान किया. इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने जब मछुआरों से उनका हाल पूछा तो कई मछुआरों ने बताया कि उनके साथ बांग्लादेश जेल में मार-पीट की गयी, उनको रस्सी से बांध कर बुरी तरह पीटा गया. यह सुनने के बाद मुख्यमंत्री भी दुखी हो गयीं.
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वापस लौटे मछुआरों में से कुछ को बांग्लादेश की जेल में रस्सियों से बांधकर मोटे डंडे से उन्हें पीटा गया.
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बांग्लादेश से लौटे…
परिणामस्वरूप कुछ मछुआरों को कमर से पैर तक काफी चोटें आयी हैं. वह ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं. इसके बाद ही सीएम ने जिलाधिकारी को मछुआरों का आर्थोपेडिक डॉक्टर से पूरा इलाज कराने का निर्देश दिया.मुख्यमंत्री ने मार-पीट की घटना पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बांग्लादेश का ट्रालर भी जल सीमा पार कर हमारे देश के अधिकार क्षेत्र में आ गया था, लेकिन हमारे यहां बांग्लादेशी मछुआरों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाता है. उनकी बेहतर देखभाल की जाती है. जल सीमा पार कर यहां आये बांग्लादेशी मछुआरों में कई बीमार थे, जिसका हमारी सरकार ने बेहतर तरीके से इलाज कराया, ताकि देश या बंगाल की बदनामी न हो. सीएम ने आगे कहा कि वह यही चाहती हैं कि दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध बने रहे. सीएम ने आगे कहा कि एक समय था जब मछुआरों के समुद्र में लापता होने, पकड़े जाने आदि का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता था, लेकिन हमारी सरकार आने के बाद हमने उन्हें एक पहचान पत्र दिया है. इस आइडी का महत्व यह है कि यदि कोई मछली पकड़ते समय खो जाता है कि तो हम उन्हें ट्रैक कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ये मछुआरे भी बांग्लादेश चले गये हैं, इसका पता कार्ड को ट्रैक करने के बाद चला. इसके बाद हमारी सरकार ने उनकी वापसी के लिए केंद्र के साथ बातचीत शुरू की और करीब दो महीने के निरंतर प्रयास के बाद हमारा प्रयास सफल हुआ.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य के मछुआरों से अपील करते हुए कहा कि कभी भी अंतरराष्ट्रीय जल सीमा पार न करें. जान है तो जहान है. जान रहेगी तो बहुत सारी मछलियां मिलेंगी. उन्होंने कहा कि इन दो महीनों में आपके परिवार को जो कष्ट हुआ है, यह वही समझ सकते हैं. इसलिए समुद्र में मछली पकड़ते वक्त अंतर्राष्ट्रीय सीमा का भी पूरा ध्यान रखें.
समुद्र साथी योजना के तहत मछुआरों को दो महीने पांच-पांच हजार रुपये देगी सरकार
इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मछुआरों के लिए एक और योजना की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून के समय मछुआरों को लगभग दो महीने के लिए समुद्र में जाने की अनुमति नहीं दी जाती, जिससे इनकी आजीविका प्रभावित होती है. इसलिए हमारी सरकार ने मछुआरों के लिए समुद्र साथी योजना शुरू करने जा रही है, जिसके तहत किसानों को मानसून के समय दो महीने प्रति माह पांच-पांच हजार रुपये का आर्थिक अनुदान प्रदान किया जायेगा. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के अंतर्गत करीब दो लाख से अधिक मछुआरे पंजीकृत हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा.
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