संदीप के घर से मिले उनके खिलाफ इंक्वायरी से जुड़े कागजात
आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल पर फर्जी तरीके से 84 एमबीबीएस हाउस स्टाफ की भर्ती करने का है आरोप
आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल पर फर्जी तरीके से 84 एमबीबीएस हाउस स्टाफ की भर्ती करने का है आरोप कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में वित्तीय अनियमितता की जांच कर रही सीबीआइ टीम को वहां के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर पर छापेमारी में कई चौंकानेवाले तथ्य मिले हैं. सीबीआइ सूत्र बताते हैं कि संदीप घोष के बेलियाघाटा स्थित उनके घर पर गत महीने छापामारी की गयी थी. इस दौरान उन्हें कई दस्तावेज हाथ लगे हैं. संदीप के खिलाफ शिकायत संबंधी दस्तावेज और जांच रिपोर्ट उसके घर से ही बरामद की गयी है. कोर्ट में इससे जुड़े दस्तावेज जमा कर सीबीआइ ने यह दावा किया है. सीबीआइ ने अदालत को बताया कि संदीप के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के मामले में कई शिकायतें मिली हैं. वर्ष 2022-23 में 84 एमबीबीएस हाउस स्टाफ की अवैध भर्ती की गयी थी. भर्ती प्रक्रिया समिति के अधिकारियों के हस्ताक्षर के बिना की गयी थी. सीबीआइ का दावा है कि संदीप घोष ने बिना लाइसेंस वाली तीन कंपनियों को टेंडर दिया था, जिसके बाद इसका खुलासा होने पर अंदरूनी जांच की गयी थी. हैरानी की बात यह है कि जिसके खिलाफ जांच हो रही थी, उसी के घर पर उस जांच की रिपोर्ट पायी गयी.
गौरतलब है कि गत 25 अगस्त को सीबीआइ की टीम वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए बेलियाघाटा स्थित संदीप घोष के घर गयी थी. उस घर से कई दस्तावेज मिले थे. संदीप घोष के खिलाफ हुई जांच की चार्जशीट और जांच रिपोर्ट की मूल रिपोर्ट भी संदीप के घर से मिली थी. ऐसा कैसे हुआ, इसकी पड़ताल जांच एजेंसी कर रही है. 84 एमबीबीएस हाउस स्टाफ की भर्ती की गयी है. इसके लिए 13 सदस्यों की एक कमेटी गठित की गयी. लेकिन नियुक्ति दस्तावेजों पर इन सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं हैं. ऐसे में सीबीआइ का मानना है कि हाउस स्टाफ की अवैध तरीके से नियुक्ति की गयी थी.इसके अलावा, आवश्यक उपकरण, लैब के सामान, पानी और फर्नीचर के लिए भी टेंडर जारी किये गये थे. एक बिना लाइसेंस वाली कंपनी जिसे टेंडर मिला, उस बारे में सीबीआ का मानना है कि इसके पीछे भी संदीप घोष का ही हाथ है.
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