कोलकाता. वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन (डब्ल्यूबीसीइआरसी) ने गुरुवार को महानगर के चेरिंग क्रॉस नर्सिंग होम को एक मरीज के परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. आयोग के चेयरमैन व सेवानिवृत्त न्यायाधीश असीम बनर्जी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एक महिला मरीज को उसके गर्भाशय की सर्जरी के लिए नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था. वहां लिफ्ट में ले जाने के दौरान दरवाजे अचानक बंद हो गये थे. इससे उसके पैरों में गंभीर चोटें आयी थीं. नर्सिंग होम में चोट का मुफ्त इलाज किया. इस दौरान एक नर्सिंग होम के ऑर्थोपेडिक चिकित्सक ने भी मरीज का इलाज किया था. जब एक मरीज को इस तरह से गंभीर चोटें आयीं हैं, तो नर्सिंग होम के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला नहीं झाड़ सकते. इसलिए आयोग ने नर्सिंग होम को मरीज के परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. नर्सिंग होम की लापरवाही के कारण ही मरीज के पैर में गंभीर चोट लगी थी. वहीं, आयोग ने उत्तर 24 परगना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओएच) को मध्यमग्राम में हार्टलैंड अस्पताल के बुनियादी ढांचे और अन्य संबंधित विवरणों की जांच करने और आयोग को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. अस्पताल पर अपने बुनियादी ढांचे को लेकर झूठे दावे करने का आरोप लगा है.
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