बांग्लादेश में हिंदू आध्यात्मिक नेता की रिहाई की मांग को लेकर इस्कॉन ने किया प्रदर्शन
पड़ोसी देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर चिंता जतायी
कोलकाता. इस्कॉन ने बांग्लादेश की एक जेल में बंद हिंदू आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग करते हुए लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को यहां अल्बर्ट रोड स्थित अपने केंद्र पर कीर्तन का आयोजन किया और पड़ोसी देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर चिंता जतायी. इस्कॉन के अनुयायियों ने हाथों में तख्तियां लेकर दास के समर्थन में कीर्तन किया. इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों (विशेषकर हिंदुओं) की बिगड़ती स्थिति पर प्रकाश डाला. बांग्लादेश की 17 करोड़ की आबादी में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और उनकी संख्या केवल आठ प्रतिशत है. पांच अगस्त को शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश के 50 से अधिक जिलों में हिंदुओं को 200 से अधिक हमलों का सामना करना पड़ा है. श्री दास को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था और बाद में अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. इसके बाद राजधानी ढाका और बंदरगाह शहर चटगांव सहित विभिन्न स्थानों पर समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है