कोलकाता. आरजी कर की पीड़िता को न्याय मिलने तक समाज के एक वर्ग द्वारा दुर्गापूजा त्योहार नहीं मनाने की अपील के बीच बांग्ला फिल्मों के दो सितारों ने उद्योग में लोगों की आजीविका के साथ विरोध प्रदर्शन को संतुलित करने के महत्व पर जोर दिया. अभिनेता देव ने कहा, ‘यह त्योहार लोगों के लिए, लोगों का और लोगों द्वारा है.’ अभिनेता-निर्माता देव के ‘टेक्का’ प्रोडक्शन की फिल्म आठ अक्तूबर को रिलीज होने वाली है. उन्होंने जोर दिया कि त्योहार का संबंध सिर्फ आपसे या अकेले उनसे नहीं है. यह हर किसी के लिए है, बंगाल के सभी लोगों के लिए है. हर साल कई लोग सिर्फ रोजी-रोटी के कारण त्योहार में शामिल नहीं हो पाते. यहां तक कि पूजा के दिन कुछ लोग इससे दूर रहते हैं क्योंकि वे इसमें शरीक होना पसंद नहीं करते, बाकी लोग त्योहार के रंग में डूबे रहते हैं. इसलिए यह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह (महिला या पुरुष) उत्सव के रंग में डूबना चाहता है या नहीं. फिल्म उद्योग पर पड़ने वाले असर पर प्रकाश डालते हुए देव ने कहा कि फिल्म उद्योग की बात करें, तो अगर फिल्में रिलीज नहीं होंगी, तो हजारों लोग प्रभावित होंगे. कई लोग रोजी-रोटी के लिए सिनेमा हॉल पर निर्भर हैं, खासकर पूजा और अन्य अवसरों के दौरान. हम व्यवस्था और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ सकते हैं, लेकिन क्या हमें अपने ही लोगों के खिलाफ लड़ना चाहिये. श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित अपनी स्वयं की प्रोडक्शन ‘टेक्का’ के एक गीत के लॉन्च के मौके पर उपस्थित देव ने कहा कि उनका मतलब यह नहीं है कि वह विरोध करना बंद कर देंगे. उनका काम भाषण देना नहीं है और वह सामाजिक कारणों को भुलाये बिना उद्योग और हितधारकों की भलाई में विश्वास करते हैं.
स्वास्तिका ने अपनी भावनाओं को साझा किया
जानी-मानी अभिनेत्री स्वास्तिका मुखर्जी ने अपनी भावनाओं को साझा करते हुए कहा कि जब भी ‘अभया’ के माता-पिता के चेहरे उनके दिमाग में आते हैं, तो लगता है कि वह पंडालों और जुलूसों में ‘ढाक’ की थाप पर नाच नहीं सकती. लेकिन दूसरों को यह नहीं बता सकती कि उन्हें क्या करना है. उन्होंने पूजा अनुष्ठानों में भाग लेने की अपनी मंशा की पुष्टि करते हुए कहा कि वह पिछले वर्षों की तरह अष्टमी पर ‘पुष्पांजलि’ चढ़ायेंगी और संधि पूजा में निश्चित रूप से ‘अंजलि’ चढ़ायेंगी. वह किसी भी समारोह में शामिल नहीं होंगी. लेकिन देवी से प्रार्थना करेंगी. हालांकि यह उनकी फिल्म के प्रचार में भाग लेने या लोगों को इसे देखने के लिए आमंत्रित करने का विरोधाभासी नहीं है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है