कोलकाता. हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर कोलकाता के मुकुंदपुर स्थित नारायणा आरएन टैगोर अस्पताल और हावड़ा नारायणा अस्पताल अल्जाइमर रोग के बारे में जागरूकता फैलाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इस वर्ष जनता को इस न्यूरोलॉजिकल विकार के शुरुआती लक्षणों, एहतियाती उपायों और उपलब्ध उपचार विकल्पों के बारे में शिक्षित करने पर अस्पताल ने जोर दिया. अल्जाइमर रोग से दुनियाभर में लाखों लोग प्रभावित होते हैं और इसका समय पर पता लगाना और देखभाल के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है. नारायणा आरएन टैगोर अस्पताल मुकुंदपुर के न्यूरोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉ अरिजीत बाग ने बताया कि विश्व अल्जाइमर दिवस पर इस बीमारी के संबंध में जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है, जो दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है. समय पर पता लगाना और हस्तक्षेप करना रोगी और उनके देखभालकर्ताओं दोनों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है. कभी-कभी अन्य बीमारियों को भी डिमेंशिया समझ लिया जाता है, इसलिए सही मूल्यांकन की आवश्यकता होती है. जैसे-जैसे हम चिकित्सा अनुसंधान में प्रगति कर रहे हैं, हमारा ध्यान नवीन उपचार विकसित करने और समग्र देखभाल प्रदान करने पर है. नारायणा अस्पताल हावड़ा के न्यूरोलॉजिस्ट सलाहकार डॉ अरिंदम घोष ने बताया कि डिमेंशिया एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग संज्ञानात्मक कार्यों में गिरावट के लिए किया जाता है, जो दैनिक जीवन को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त होती है. अल्जाइमर मस्तिष्क में जटिल बदलावों के कारण होता है, जिसमें असामान्य प्रोटीन जैसे कि अमाइलॉइड प्लेक्स या टाऊ टैंगल्स का जमाव होता है. समय पर सही मूल्यांकन के लिए न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श करना आवश्यक है. शुरुआती निदान से इस बीमारी के प्रबंधन में सहायता मिल सकती है. हालांकि फिलहाल अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है. कई दवाइयां इस बीमारी के लक्षणों के इलाज में सहायक हो सकती हैं. स्वस्थ जीवनशैली जैसे कि नियमित शारीरिक व्यायाम, फल, सब्जियों और अनाज से समृद्ध संतुलित आहार और मानसिक गतिविधियों को बनाए रखना, मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं. धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचना चाहिए.
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