भारतीय न्यायिक प्रणाली में मील का पत्थर साबित होगा जन विश्वास विधेयक
अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित कार्यक्रम कहा कि जन विश्वास विधेयक की शुरुआत भारतीय न्यायिक प्रणाली में एक मील का पत्थर है,
महानगर में आयोजित कार्यक्रम में बोले केंद्रीय मंत्री
संवाददाता, कोलकाता
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित कार्यक्रम कहा कि जन विश्वास विधेयक की शुरुआत भारतीय न्यायिक प्रणाली में एक मील का पत्थर है, क्योंकि इसका उद्देश्य आधा दर्जन से अधिक औपनिवेशिक युग के कानूनों सहित 42 विधानों में 183 प्रावधानों को समाप्त करना है.
उन्होंने कहा कि छोटे-मोटे अपराधों के लिए दंड की व्यवस्था समाप्त कर दी गयी है, जो कानूनी व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण सुधार है. श्री मेघवाल ने यह भी आश्वासन दिया कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के नियम जल्द ही जारी किये जायेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने नये आपराधिक कानून के संबंध में कहा कि नये आपराधिक कानून न्याय प्रदान करने में तेज़ी लायेंगे और सभी हितधारकों के लिए मुकदमेबाजी में लगने वाले महत्वपूर्ण समय की बचत करेंगे. मंत्री ने आगे कहा कि नये आपराधिक कानून नागरिकों के लिए ‘इज ऑफ लिविंग’ को बढ़ावा देंगे. इस अवसर पर भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स और भारतीय मध्यस्थता परिषद (आइसीए) के अध्यक्ष एनजी खेतान और आइसीए के महानिदेशक तथा फिक्की के प्रधान सलाहकार अरुण चावला भी मौजूद थे.
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