जिलों में जेआइएमटी करेगी टैब घोटाले की जांच

टैब घोटाले की जांच के लिए अब जिला स्तर पर ज्वॉइंट इन्वेस्टिगेशन मॉनिटरिंग टीम (जेआइएमटी) का गठन किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 16, 2024 2:06 AM
an image

जिला स्तर पर मामले की गहरायी तक जाकर जांच करेगी यह टीम

सबूतों के आधार पर इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को किया गया अरेस्ट

अबतक राज्यभर में 93 मामले हुए दर्ज, कुल 1911 छात्र हुए हैं ठगी के शिकार

संवाददाता, कोलकातापश्चिम बंगाल पुलिस की सीआइडी की टीम ने टैब घोटाले की जांच शुरू कर विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन करने के बाद इस मामले की जांच के लिए अब जिला स्तर पर ज्वॉइंट इन्वेस्टिगेशन मॉनिटरिंग टीम (जेआइएमटी) का गठन किया है. शुक्रवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस के एडीजी साउथ बंगाल सुप्रतीम सरकार ने बताया कि जेआइएमटी में एडीजी साइबर, एडीजी सीआइडी (II), आइजी सीआइडी (II), डीआइजी साइबर, डीआइजी सीआइडी (ऑपरेशन) और संबंधित पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्त और जिला पुलिस के एसपी मामले की जांच करेंगे. श्री सरकार ने बताया कि टैब घोटाले को लेकर अब तक राज्यभर में कुल 93 मामले दर्ज किये गये हैं, जिसमें इस मामले से जुड़े कुल 11 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. उन्होंने बताया कि राज्यभर में स्थानीय थाने की पुलिस शिक्षा विभाग के अधिकारियों के भी संपर्क में है. शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन, जिला पुलिस और दर्ज शिकायत के आधार पर जो तथ्य सामने आये हैं, उसके अनुसार 1911 छात्रों के साथ ठगी की गयी है. यानी ठगी के शिकार होनेवाले विद्यार्थियों की संख्या 0.1% है. भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो इसके लिए शिक्षा मंत्रालय के आइटी विभाग और नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर के साथ समन्वय रखते हुए राज्य पुलिस की सीआइडी और साइबर विंग हर संभव राय देगी. श्री सरकार ने कहा कि जिन 1911 छात्रों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी की गयी है, उन सभी छात्रों को शिक्षा विभाग की ओर से योजना का लाभ पहुंचाया जायेगा. एडीजी साउथ बंगाल ने कहा कि मामले की जांच के दौरान बीते 24 घंटे में पूर्व मिदनापुर जिले से तीन और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से एक उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा और दो अन्य अभियुक्त मालदह के वैष्णव नगर के निवासी हैं. अभियुक्तों के पास से कई दस्तावेज और मोबाइल फोन जब्त किये गये हैं. सुप्रतिम सरकार ने कहा कि मामले की जांच के दौरान अंतरराज्यीय गिरोह का हाथ होने की बात सामने आयी है. पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे इसके पहले झारखंड, राजस्थान और महाराष्ट्र के डायरेक्ट बेनिफिशियरी ट्रांसफर स्कीम के कई सरकारी योजनाओं के तहत साइबर फ्रॉड की घटना को अंजाम दे चुके हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version