कोलकाता. राज्य के जूनियर डाॅक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हुई बैठक के विवरण (रिकाॅर्ड) पर नाराजगी जतायी है. उनका कहना है कि बैठक में हुई चर्चा के मुख्य बिंदुओं को रिकाॅर्ड में दर्ज नहीं किया गया है. जूनियर डाॅक्टरों ने इसे लेकर राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि मेडिकल कालेजों में रेसिडेंट डाॅक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के गठन पर चर्चा हुई थी, लेकिन रिकार्ड में इसका जिक्र नहीं है. बैठक के दौरान हुई चर्चा और रिकाॅर्ड में काफी अंतर है. उन्होंने आरडीए के गठन को रिकाॅर्ड में शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि मेडिकल काॅलेजों में छात्र संगठन के चुनाव के लिए आरडीए का होना जरूरी है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत ऐसे संगठन बनाना उनका मौलिक अधिकार है. जूनियर डाॅक्टरों ने मुख्य सचिव से अनुरोध किया कि वे नये सिरे से बैठक का रिकाॅर्ड तैयार करें. मालूम हो कि मुख्यमंत्री ने गत 21 अक्तूबर को जूनियर डाक्टरों के साथ राज्य सचिवालय नबान्न में बैठक की थी. दो घंटे चली बैठक का सीधा प्रसारण किया गया था. बैठक के दौरान जूनियर डाक्टरों ने मुख्यमंत्री के सामने आरजी कर अस्पताल में दरिंदगी की शिकार महिला डाॅक्टर के परिवार को न्याय दिलाने, स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को पद से हटाने, सरकारी अस्पतालों की आधारभूत संरचना उन्नत करने, वहां सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने समेत अपनी 10-सूत्री मांगें रखी थीं. मुख्यमंत्री ने उनकी ज्यादातर मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया था. हालांकि स्वास्थ्य सचिव को हटाने की मांग को नकार दिया था. मुख्यमंत्री ने समस्त मेडिकल काॅलेजों में अगले साल मार्च तक चुनाव कराने की बात कही थी और मुख्य सचिव को पारदर्शी तरीके से मेडिकल की परीक्षाएं कराने का निर्देश दिया था. उन्होंने मेडिकल काॅलेजों के लिए स्टेट टास्क फोर्स के गठन का भी आश्वासन दिया था, जिसके लिए बैठक के अगले दिन ही अधिसूचना जारी कर दी गयी थी.
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