कोलकाता.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की घटना को लेकर पिछले 14 दिनों से जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने के लिए राज्य सरकार जूनियर डॉक्टरों को मनाने की कोशिश कर रही है, पर सरकार को असफलता ही हाथ लग रही है. गतिरोध को दूर करने के लिए शनिवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल प्रो डॉ मानस कुमार मुखर्जी व जूनियर डॉक्टरों के साथ स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने बैठक की. आरजी कर मेडिकल कॉलेज की प्लेटिनम जुबली बिल्डिंग में स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक (डीएमइ) प्रो डॉ कौस्तुभ नाइक और नये प्रिंसिपल प्रो डॉ मानस कुमार बनर्जी की उपस्थिति में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक हुई, जो करीब एक घंटे तक चली. पर बैठक बेनतीजा ही रही.इस बैठक में स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक व विशेष स्वास्थ्य सचिव भी मौजूद थे.आंदोलनरत डॉक्टरों ने अपनी मांगें रखी हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने जूनियर डॉक्टरों को समझाने की कोशिश की और स्वास्थ्य परिसेवा बहाल करने का अनुरोध किया. इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि आरजी कर सह राज्य भर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है. इसके साथ ही चल रही जांच प्रक्रिया पर भी चर्चा की.
बैठक में दोनों पक्षों ने अपनी बातें रखीं. सूत्रों के मुताबिक, प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगों को रिकॉर्ड भी किया गया है. जूनियर डॉक्टरों की ओर से कहा गया है कि अगर इन मांगों को मान लिया जाता है, तो वे अस्पतालों में सेवा बहाल कर देंगे.सीआइएसएफ ने जारी किया फोन नंबर :
दूसरी ओर, आरजी कर अस्पताल में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीआइएसएफ द्वारा एक फोन नंबर भी जारी किया गया है, ताकि डॉक्टर, नर्स, अस्पताल के कर्मचारी किसी भी आपात स्थिति में तुरंत संपर्क या रिपोर्ट कर सकें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है