संवाददाता, कोलकाता
राज्य में आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों ने काम पर लौटने की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील को बुधवार को ठुकरा दिया. शहर के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के विरोध में पिछले 20 दिनों से राज्यभर के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के एक चिकित्सक सदस्य ने कहा कि आरजी कर अस्पताल की पीड़िता को न्याय मिलने समेत उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक आंदोलन वापस नहीं लेंगे. जूनियर डॉक्टरों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष को स्वास्थ्य सेवाओं से निलंबित करने और कोलकाता पुलिस आयुक्त के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई की मांग की है. जूनियर डॉक्टरों के संगठन ने बुधवार को श्यामबाजार से धर्मतला तक रैली निकाली.
वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के सदस्य ने कहा: हमें यह जानकर खुशी हुई कि मुख्यमंत्री हमारे मुद्दे का समर्थन कर रही हैं. हम भी काम पर लौटना चाहते हैं, लेकिन अभी यह संभव नहीं है. हमारी मांगें पूरी नहीं हुई हैं. गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद द्वारा आयोजित रैली को संबोधित करते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री ने कहा: मैं शुरू से ही डॉक्टरों के प्रति सहानुभूति रखती आ रही हूं, क्योंकि वे अपने सहयोगी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. हमने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि घटना को इतने दिन बीत चुके हैं. हम आपका दर्द समझते हैं. लेकिन, कृपया अब काम पर वापस लौट आइये, क्योंकि मरीज बेहद परेशान हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है